तेजी से होंगे सरकारी भुगतान और प्राप्तियां
-सीएम ने आरबीआइ की ई-कुबेर सुविधा का किया उद्घाटन -सरकार के वित्तीय लेन-देन में अब स्टेट बैंक का ह
-सीएम ने आरबीआइ की ई-कुबेर सुविधा का किया उद्घाटन
-सरकार के वित्तीय लेन-देन में अब स्टेट बैंक का हस्तक्षेप खत्म
-ई-कुबेर के साथ राज्य सरकार की ई-कोष योजना का हुआ तालमेल
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश में सरकारी वित्तीय लेन-देन अब ज्यादा तेजी और पारदर्शिता से होगा। यानी सरकार की ओर से किए जाने वाले तमाम भुगतान और उसे होने वाली प्राप्ति में स्टेट बैंक हस्तक्षेप सोमवार से खत्म हो गया। रिजर्व बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा ई-कुबेर और राज्य सरकार की ई-कोष सुविधा का सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उद्घाटन किया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्य सरकारों के लिए ई-प्राप्ति और ई-भुगतान सुविधा को प्राथमिकता दी है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने अपनी कोर बैंकिंग सुविधा आधारित ई-कुबेर योजना के तहत ई-प्राप्ति और ई-भुगतान का मानकीकृत माड्यूल विकसित किया है। इसे प्रत्येक राज्य की जरूरत के मद्देनजर विकसित किया गया है। लिहाजा यह सुविधा राज्य सरकार की विभिन्न प्रणाली के साथ सुरक्षा व संदेशों की पूर्णता पर खासा ध्यान देती है। यह सुविधा शुरू होने से राज्य सरकार की ओर से किए जाने वाले तमाम भुगतान और सरकार को होने वाली प्राप्तियों के लिए स्टेट बैंक का मुंह ताकना नहीं पड़ेगा। इससे भुगतान और प्राप्तियां सीधे होंगी। यही नहीं, इससे राज्य सरकार को भी फायदा होगा। अब सरकारी खजाने से धनराशि सिर्फ भुगतान के लिए ही निकलेगी। इससे पहले इस अवधि में यह धनराशि स्टेट बैंक के पास रहती थी। स्टेट बैंक के जरिए लेन-देन होने से प्रक्रियागत देरी में दो से तीन दिन का वक्त जाया होता था। यह देरी अब नहीं होगी। साथ ही भुगतान और प्राप्ति में ज्यादा पारदर्शिता भी रहेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उक्त व्यवस्था लाभकारी सिद्ध होगी। इससे राज्य सरकार और आरबीआइ के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा। राज्य में पहले से ही सभी कोषागार आनलाइन भुगतान प्रणाली पर कार्य कर रहे हैं। पूरी तरह से स्वचालित व्यवस्था में राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी और त्वरित प्रोसेसिंग सुनिश्चित होगी। संदेशों का एक छोर से दूसरे छोर तक निर्बाध प्रोसेसिंग, और लाभार्थियों को बिना विलंब के भुगतान हो सकेगा। इस मौके पर आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक आरएल शर्मा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, मुख्य सचिव एन रविशंकर भी मौजूद थे।