उत्तराखंड में वजूद में आई सड़क अनुरक्षण नीति
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सड़क निर्माण से जुड़े राज्य के विभिन्न महकमों को सड़कों की नियमित मरम्मत के लिए
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सड़क निर्माण से जुड़े राज्य के विभिन्न महकमों को सड़कों की नियमित मरम्मत के लिए अब अलग से नियमावली तैयार करनी होगी। केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर तैयार की गई नई सड़क अनुरक्षण नीति में इस बाबत प्रावधान किया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई इस नई नीति को विचलन के जरिए कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। लोनिवि की ओर से सभी संबंधित महकमों को नई नीति के मुताबिक नियमावली तैयार करने की अपेक्षा की गई है।
उत्तराखंड के वार्षिक बजट में सड़कों की मरम्मत के लिए लगभग 153 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसमें प्लान मद का 125 करोड़ और नॉन प्लान का 28 करोड़ रुपये शामिल है। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से भी राज्यों को केंद्र पोषित व बाह्य सहायतित योजनाओं में वित्तीय सहायता दी जाती है। ऐसे में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों को सड़कों के रखरखाव के लिए अनुरक्षण नीति बनाने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में लोक निर्माण विभाग के पास ही अधिकतर सड़कें हैं। लिहाजा, यहां अनुरक्षण नीति बनाने का जिम्मा भी लोनिवि को सौंपा गया था।
लोनिवि द्वारा तैयार सड़क अनुरक्षण नीति को विचलन के जरिए राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी भी मिल चुकी है। नीति के अनुसार प्रदेशभर की सड़कों का उन पर यातायात के दबाव के आधार पर सर्वे किया जाएगा। अधिक यातायात दबाव वाली सड़कों की नियमित मरम्मत या नवीनीकरण के लिए एक वर्ष, जबकि अपेक्षाकृत कम दबाव वाली सड़कों की मरम्मत या नवीनीकरण की अवधि दो या तीन वर्ष तय की गई है। सड़कों से जुड़े विभिन्न विभाग अपने स्तर पर इस सड़क मरम्मत के लिए बाकायदा नियमावली तैयार करेंगे।
उक्त नियमावली के अनुसार ही सड़कों की निर्धारित समयावधि में मरम्मत या फिर नवीनीकरण किया जाएगा। लोनिवि ने सभी संबंधित महकमों को नई नीति उपलब्ध कराते हुए जल्द नियमावली तैयार करने की अपेक्षा की है, ताकि नई नीति के मुताबिक सड़कों की नियमित मरम्मत की व्यवस्था को ठोस व कारगर रूप दिया जा सके।