विवाद में उलझी निदेशकों की नियुक्ति
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के तीन बिजली निगमों में निदेशक के खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया विव
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के तीन बिजली निगमों में निदेशक के खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया विवाद में उलझती दिख रही है। निदेशक के पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया फरवरी में प्रारंभ की गई थी। इसके बाद आवेदन की अंतिम तिथि गुजरे करीब एक माह बीत चुका है, मगर न तो अभी तक आवेदनों की स्क्रूटनी हो पाई है और न साक्षात्कार बोर्ड गठित हो सका है। इनमें से कुछेक पदों के मानकों को लेकर उपजा विवाद इसकी मुख्य वजह मानी जा रही है।
उत्तराखंड के तीनों बिजली निगमों में कई वर्षो से निदेशक के कई पद खाली पड़े हुए हैं। विद्युत वितरण कंपनी ऊर्जा निगम में निदेशक परिचालन व निदेशक प्रोजेक्ट के पद रिक्त हैं, तो बिजली उत्पादन की जिम्मेदारी निभा रहे जलविद्युत निगम में भी निदेशक परिचालन का महत्वपूर्ण पद रिक्त है। इसके अलावा तीनों निगमों के निदेशक वित्त व निदेशक मानव संसाधन के पद भी खाली पड़े हुए हैं। जलविद्युत निगम और पारेषण निगम में प्रबंध निदेशक के पदों पर भी प्रभारी व्यवस्था के तहत ही फिलहाल कामचलाऊ व्यवस्था चल रही है।
शासन ने लंबी मशक्कत के बाद इन पदों पर नियुक्ति के लिए नियमावली तैयार की। साथ ही, बीती फरवरी में निदेशक के सभी खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया भी प्रारंभ की थी, मगर इनमें से कुछेक पदों के लिए तय किए गए मानकों को लेकर सवाल उठ खड़े हुए। ऊर्जा निगम के निदेशक वित्त के लिए शासन द्वारा तय शैक्षिक योग्यता के मानकों को लेकर सर्वाधिक सवाल उठाए गए हैं। दरअसल, इस पद के लिए शैक्षिक योग्यता का मानक कास्ट एकाउंटेंट, चाटर्ड एकाउंटेंट व फाइनेंस में एमबीए के साथ ही एमकाम रखा है।
बिजली कर्मचारी संगठनों ने भी निगम के इस महत्वपूर्ण पद के लिए सिर्फ एमकॉम का मानक तय किए जाने पर सवाल उठाए। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में भी विपक्ष की ओर से यह मुद्दा उठाया गया। निदेशक के उक्त पदों पर आवेदन के लिए 18 मार्च अंतिम तिथि रखी गई थी, मगर अंतिम तिथि गुजरने के एक माह बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है। न तो आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी का काम पूरा हो पाया है और न शासन स्तर से नियमानुसार पांच सदस्यीय साक्षात्कार बोर्ड ही गठित किया जा सका है।
इनसेट..
इन पदों पर होनी है नियुक्ति..
ऊर्जा निगम: निदेशक परिचालन, निदेशक वित्त, निदेशक परियोजना, निदेशक मानव संसाधन।
जलविद्युत निगम: निदेशक परिचालन, निदेशक वित्त, निदेशक मानव संसाधन।
पारेषण निगम: निदेशक वित्त, निदेशक मानव संसाधन।