ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को नोडल अफसर
राज्य ब्यूरो, देहरादून मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिए हैं कि शासन स्तर पर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग
राज्य ब्यूरो, देहरादून
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिए हैं कि शासन स्तर पर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से संबंधित औपचारिकताओंको जल्द पूरा करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। इसके लिए राज्य स्तर से जो भी औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं, उन्हें प्राथमिकता से पूरा किया जाए।
बुधवार को रेल विकास निगम लिमिटेड के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ये निर्देश देते हुए कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण परियोजना की वन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव दो हिस्सों में लिए जाएं। ऋषिकेश से चंद्रभागा नदी तक नौ किमी मार्ग के लिए वन स्वीकृति की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए ताकि इसका कार्य शुरू किया जा सके। इसके आगे लगभग 119 किमी मार्ग की वन स्वीकृति की प्रक्रिया अलग से पूरी की जाए।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि रेल मार्ग के लिए टनल बनाने से जो मलबा निकलेगा उसके निस्तारण के लिए लोक निर्माण विभाग के माध्यम से नेशनल हाईवे के किनारे स्थान चिह्नित किए जा सकते हैं। वहा इस मलबे का उपयोग मार्ग चौड़ीकरण व छोटे-छोटे बाजार विकसित करने में किया जा सकता है। रेल विकास निगम के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की लंबाई लगभग 125 किमी है। इसमें से पहले नौ किमी का हिस्सा सतह पर जबकि उसके आगे का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा टनल में निर्मित होना है। परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपए भारत सरकार से स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव एन रविशकर, प्रमुख सचिव वन डा. रणवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।