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कब मिलेंगे 500 विद्यालयों को कंप्यूटर

-आइसीटी योजना में लेटलतीफी, केंद्र ने और मदद देने से पीछे खींचे हाथ -चार साल से हिचकोले खा रही योज

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 01:03 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 01:03 AM (IST)
कब मिलेंगे 500 विद्यालयों को कंप्यूटर

-आइसीटी योजना में लेटलतीफी, केंद्र ने और मदद देने से पीछे खींचे हाथ

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-चार साल से हिचकोले खा रही योजना, नए सत्र के लिए मिला विस्तार

-'उन्नति' को थर्ड पार्टी मूल्यांकन होने के बाद ही मिलेगी अनुमति

राज्य ब्यूरो, देहरादून

प्रदेश के विद्यालयों को कंप्यूटरों से सरसब्ज कर कंप्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने की मुहिम हिचकोले खा रही है। 500 विद्यालयों में चार साल से कंप्यूटर नहीं लग पाए। आइसीटी (शिक्षा में सूचना संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल) योजना में लेटलतीफी के चलते केंद्र सरकार ने नई मदद से हाथ पीछे खींच लिए हैं, अलबत्ता पुरानी योजना को ही नए शैक्षिक सत्र 2015-16 के लिए आगे बढ़ा दिया। साथ ही ताकीद की है कि पहले से चालू योजना को पूरा करो, तब ही राज्य के शेष विद्यालयों में कंप्यूटरों के लिए धनराशि दी जाएगी।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) की प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक राज्य को आईना दिखा चुकी है। रमसा के तहत आउटसोर्सिग में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय के भुगतान को केंद्र सरकार पल्ला झाड़ चुकी है। वहीं राज्य सरकार की माध्यमिक कक्षाओं में छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी बोलचाल और पढ़ने-लिखने को प्रेरित करने की महत्वाकांक्षी योजना 'उन्नति' के सामने भी अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। इस योजना का थर्ड पार्टी मूल्यांकन होगा, इसके बाद ही इसे जारी रखा जाए या न रखा जाए, इस पर विचार होगा। दरअसल केंद्र सरकार राज्य में नई योजनाओं के बजाए पहले से चल रही महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने को लेकर गंभीर है।

उन्नति के बाद आइसीटी योजना के लिए भी आगे धन की व्यवस्था नहीं की गई। वर्ष 2010-11 से हीलाहवाली का शिकार इस योजना के परवान चढ़ने में कमजोर इच्छाशक्ति के साथ कई पेच भी हैं। चार साल बाद भी इसके टेंडर की नीति तय नहीं हो पाई है। केंद्र सरकार इस बाबत नई गाइडलाइन जारी कर चुकी है, लेकिन सरकार उलझन से उबरने को तैयार नहीं है। इस योजना के तहत करीब 32 करोड़ की लागत से 500 माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर लगाए जाने हैं। इसके लिए पांच करोड़ की राशि केंद्र सरकार दे चुकी है, इसमें राज्यांश शामिल किया जाए तो छह करोड़ से ज्यादा धनराशि सरकार के पल्ले में पड़ी है, लेकिन कंप्यूटर कब तक विद्यालयों को नसीब हो पाएंगे, इसका अता-पता नहीं है। यह भी तय हो गया है कि 500 विद्यालयों में कंप्यूटर लगने के बाद ही शेष विद्यालयों के लिए कंप्यूटर शिक्षा का रास्ता बन सकेगा।

'आइसीटी योजना में काफी विलंब हो चुका है, इससे योजना का लाभ लेने में भी राज्य पिछड़ रहा है, जिन राज्यों ने इस योजना में अच्छा काम किया है, उनका अध्ययन कर योजना को जल्द अमल में लाने के निर्देश शिक्षा महानिदेशक को दिए गए हैं।'

एस राजू, अपर मुख्य सचिव शिक्षा, उत्तराखंड।


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