¨सचाई लाइन जर्जर, खेत हुए बंजर
संवाद सूत्र, चकराता: कालसी ब्लॉक अंतर्गत चार गांवों के काश्तकारों को ¨सचाई सुविधा के लिए 18 वर्ष पहल
संवाद सूत्र, चकराता: कालसी ब्लॉक अंतर्गत चार गांवों के काश्तकारों को ¨सचाई सुविधा के लिए 18 वर्ष पहले बनाई गई खैरवा ¨सचाई पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से सैकड़ों बीघा कृषि भूमि बंजर होने की कगार पर है। ¨सचाई विभाग की उदासीनता के चलते कई बार काश्तकारों ने ¨सचाई पाइप लाइन की मरम्मत खुद की, लेकिन संसाधनों के अभाव में की गई मरम्मत कुछ दिन तक ही टिक पाती है। इससे खेतों को ¨सचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है।
कालसी ब्लॉक के कोटा, डिमऊ, अतलेऊ, दोऊ के किसानों की सैकड़ों बीघा बीघा जमीन को ¨सचित करने के लिए 1997 में पुंगाड़ खड्ड से खेरवा तक छह इंच मोटी ¨सचाई पाइप लाइन का निर्माण किया गया, लेकिन निर्माण काल से ही इस लाइन का रखरखाव विभाग द्वारा नहीं किया गया। जिसके चलते पाइप लाइन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जबकि ¨सचाई पाइप लाइन का रिजर्व टैंक भी खस्ताहाल है। कई बार ग्रामीण ¨सचाई लाइन की मरम्मत श्रमदान से कर चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों द्वारा की गई मरम्मत कुछ ही दिन तक टिक पाती है, जिसके चलते अक्सर खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है। पिछले पांच साल से अधिक समय से खेतों को पानी नहीं मिलने से ग्रामीणों के खेत बंजर होने के कगार पर आ गए हैं, जिसके चलते काश्तकारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। काश्तकार जोतराम, धन ¨सह, सियाराम, मोहना, मोलूराम, जालम ¨सह, प्रताप ¨सह ने बताया कि ¨सचाई के अभाव में साल दर साल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है बावजूद इसके ¨सचाई विभाग के अधिकारी ¨सचाई पाइप लाइन की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। वहीं, ¨सचाई विभाग अंबाड़ी के अधिशासी अभियंता सुभाष पांडेय ने कहा कि पाइप लाइन की मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका है।