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केदारनाथ में भवनस्वामियों को नया भवन और मुआवजा

राज्य ब्यूरो, देहरादून केदारनाथ धाम में आपदा से ध्वस्त और क्षतिग्रस्त 325 भवनों के स्वामियों को अब

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 01:06 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 01:06 AM (IST)
केदारनाथ में भवनस्वामियों को नया भवन और मुआवजा

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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केदारनाथ धाम में आपदा से ध्वस्त और क्षतिग्रस्त 325 भवनों के स्वामियों को अब मुआवजे के साथ नवनिर्मित भवन भी दिए जाएंगे। मुआवजे के लिए 90 करोड़ की राशि को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। वहीं केदारघाटी में ही अहम पड़ाव सोनप्रयाग में भी नदी के समीप 15 व्यावसायिक भवनों के लिए मुआवजा तय किया गया है। सोनप्रयाग को मॉडल बेस स्टेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा। वहीं प्रदेश में मौजूदा आबकारी नीति आगामी 15 अप्रैल तक लागू रहेगी। एफएलटू के अलावा आबकारी नीति यथावत रहेगी। एफएलटू की नीति को अंतिम रूप देने के लिए बतौर आबकारी मंत्री मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके आधार पर नई नीति लागू की जाएगी। वहीं एफएलटू (विदेशी मदिरा के थोक गोदाम) को गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से संचालित करने पर मंत्रिमंडल ने सहमति जताई। सरकारी सेवा के दौरान मृत कर्मचारियों के आश्रितों को रोजगार के द्वार दोबारा खोले गए हैं। अन्य महत्वपूर्ण फैसले में पेयजल निगम में कार्यरत 343 वर्कचार्ज कर्मचारियों के नियमितीकरण को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।

बीजापुर में मुख्यमंत्री आवास पर देर रात्रि तकरीबन साढ़े तीन घंटे तक चली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव एन रविशंकर ने मीडिया को दी। कैबिनेट बैठक में केदारनाथ धाम में भवनस्वामियों के मुआवजे की नीति तय की गई। केदारनाथ धाम में 325 भवनों में रहने वाले 735 परिवारों को मुआवजा मिलेगा। यह तय किया गया कि केदारनाथ धाम में पूर्ण और आंशिक क्षतिग्रस्त भवनों को नए सिरे से बनाया जाएगा। लिहाजा ऐसे सभी भवनों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। भवन स्वामियों, तीर्थ पुरोहितों के साथ वार्ता में बनी सहमति के आधार पर इस बाबत रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया। इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। यह तय किया गया कि केदारनाथ धाम में सभी भवन स्वामियों को 26900 प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। इसमें तकरीबन 85 से 90 करोड़ तक मुआवजा प्रभावितों को मिलेगा। इसके अतिरिक्त केदारनाथ धाम में ही उक्त भवन स्वामियों को उनके भवनों के बराबर निर्मित नए भवन भी दिए जाएंगे। केदारनाथ में क्षतिग्रस्त 213 भवनों को ध्वस्त किया जाएगा। केदारनाथ मंदिर तक जाने के लिए 50 फीट चौड़ा मार्ग रखा जाएगा। इसके इर्द-गिर्द भवन बनेंगे। वहीं मंदिर के दोनों ओर 30-30 फीट पर भवनों का निर्माण नहीं किया जाएगा।

सोनप्रयाग में आपदा में क्षतिग्रस्त होटल, लॉज, भवनों को दोबारा बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। नदी के समीप नान जेडए की भूमि पर बने 15 व्यावसायिक भवनों के लिए 1.76 करोड़ की मुआवजा राशि देने को मंजूरी दी गई। ध्वस्त और क्षतिग्रस्त दुकानों के एवज में नई 20 गुणा 25 वर्गफीट की नई दुकानें दी जाएंगी।

आबकारी नीति के अंतर्गत एफएलटू की नियमावली तय करने को आबकारी मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। इसमें सहकारिता मंत्री यशपाल आर्य, कृषि मंत्री हरक सिंह रावत, पर्यटन मंत्री दिनेश धनै को शामिल किया गया है। समिति 30 अप्रैल, 2015 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की पदोन्नति की नियमावली और सरकारी सेवकों की गोपनीय प्रविष्टि रिपोर्ट संबंधी नियमावली में संशोधनों को हरी झंडी दिखाई गई। वहीं सरकारी सेवा के दौरान मृत कर्मचारियों के आश्रितों को समूह-घ और समूह-ग के पदों पर नियुक्ति के लिए जरूरत के मुताबिक पदों के सृजन को सहमति मिल गई।

वहीं उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए प्रोजेक्ट उत्कर्ष को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इसके तहत उच्च शिक्षा ले रहे युवाओं को अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में निजी विश्वविद्यालय को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों को और शिथिल किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी विश्वविद्यालयों को लैटर आफ इंटेंट देने के बाद उसके क्रियान्वयन पर नजर रखेगी। इको टूरिज्म के अंतर्गत बीच कैंपिंग नीति तय करने के लिए भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इस समिति में वन, पर्यटन और वित्त महकमे के सचिव शामिल हैं। वहीं प्रदेश की नगरपालिकाओं में केंद्रीयकृत और अकेंद्रीयकृत कर्मचारियों के लिए ढांचा स्वीकृत किया गया।


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