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वर्तमान रंगमंच की दशा पर चर्चा की

ऋषिकेश: विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय गढ़वाल महासभा की बैठक में वक्ताओं ने वर्तमान रंगमंच

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 10:39 PM (IST)

ऋषिकेश: विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय गढ़वाल महासभा की बैठक में वक्ताओं ने वर्तमान रंगमंच की दशा पर चर्चा की।

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ढालवाला स्थित थलवाल काम्पलेक्स में बैठक की अध्यक्षता करते हुए युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल ने कहा कि जीवन का रंगमंच की मूल विधाओं से सीधा नाता है। वह आईने के रूप में समाज की अभिव्यक्तियों को व्यक्त करती है। सभ्यता के विकास व लोक जीवन की वास्तविकता से दूर इन दिनों आधुनिक माध्यमों टीवी व फिल्मों ने सांस्कृतिक गिरावट व व्यवसायिकता को मूलमंत्र बना लिया है। केंद्रीय अध्यक्ष डा. राजे सिंह नेगी ने कहा कि वास्तविक रूप से आज हिंदी रंगमंच की स्थिति दयनीय है। अच्छे लेखन व नाट्य कर्मी का अभाव है। कई रंगमंच कर्मियों ने अपनी इस विधा से उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। इस दौरान जयप्रकाश न्यूली, विजय सिंह असवाल, हर्षित ग्वाड़ी, लक्ष्मण सिंह, संजय न्यूली, गोविंद पुंडीर, तरुण जोशी, शक्ति सिंह नेगी, सागर जड़धारी, मुकेश कृषाली, मनोज पोखरियाल, लक्ष्मण असवाल, शुभम आदि उपस्थित थे।


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