मोदी सरकार ने उत्तराखंड को निराश किया: रावत
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आम बजट को प्रदेश के लिहाज से निराशाजनक करार दिया है
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आम बजट को प्रदेश के लिहाज से निराशाजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि तकलीफ इस बात की है कि केंद्र ने उत्तराखंड को विशेष मदद का पात्र नहीं बनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा केंद्रीय सहायता की योजनाओं के हटने से ऐसा अनुमान है कि राज्य को केंद्र सहायतित योजनाओं समेत विभिन्न योजनाओं से 2000 करोड़ रुपये सालाना का घाटा होगा। केंद्र ने पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण की जो योजनाएं बंद की हैं, उससे प्रदेश को खासा झटका लगा है।
शनिवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में पत्रकारों को बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में प्रदेश के हेमकुंड व पीरान कलियर समेत छह धामों का जिक्र नहीं है। प्रदेश के अहम सांस्कृतिक व धार्मिक स्थान मोदी सरकार को समझ में नहीं आए। जो नई योजनाएं शुरू की गई हैं वे प्रदेश के लिहाज से निराशाजनक हैं। ग्रीन बोनस पर भी कुछ नहीं हुआ। कुंभ के लिए भी पैसा नहीं दिया गया। राज्य को यदि पैसा मिलता है तो उसे तय समय पर इस्तेमाल करने का जवाब सरकार देगी। उन्होंने कहा कि अभी देर नहीं हुई हुई है, इस मसले पर केंद्र से बात की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में ब्याज माफी व सरचार्ज कम न करने पर भी अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि इसका कहीं उल्लेख नहीं हुआ। अपितु केंद्र ने कारपोरेट घरानों का सरचार्ज घटाया है। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस को उच्चीकृत न किए जाने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने उत्तराखंड दौरे के दौरान आयुर्वेद नेचरोपैथी खोलने की बात कही थी। इसका भी बजट में जिक्र नहीं आया है। मुख्यमंत्री ने कहा भी केंद्र ने वित्त आयोग की संस्तुति मांग कर भले ही राज्यों का दस फीसद हिस्सा बढ़ाया है लेकिन इससे जो फायदा होना था वह बहुत कम हो गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने जो आठ योजनाएं बंद की हैं, उससे राज्य को खासा झटका लगा है। इसमें पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण व पुलिस आधुनिकीकरण आदि शामिल हैं। ई-गवर्नेंस की योजना अच्छी है लेकिन सरकार को इसमें सहारा चाहिए। ऐसा न होने से प्रदेश इसमें पिछड़ जाएगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जिस हिमालयन कल्चर सेंटर की बात कही गई थी, वह भी कहीं नहीं है। इससे निश्चित तौर पर राज्य को निराशा हुई है।
अपने संसाधन बढ़ाने की जरूरत
देहरादून: मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस राज्य के पास संसाधन नहीं हैं वहां सेवा कर में बढ़ोत्तरी को संभालने में खासा असर पड़ेगा। राज्य सरकार अपने स्तर से अब छूट देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया तो विकास की रफ्तार गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार के पास अपने संसाधनों को बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं।
पांच पांडव आपको मुबारक
देहरादून: प्रदेश के पांचों सांसदों की भूमिका पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पांचों पांडव आपको मुबारक। इस बारे में मुझे और कुछ नहीं कहना है।