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एक करोड़ के वाहन तीन साल से 'लावारिश'

जागरण संवाददाता, देहरादून: क्या कोई अधिकारी अपने वाहन को एक दिन के लिए भी सड़क पर लावारिश हाल छोड़ सकत

By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 07:11 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 07:11 PM (IST)

जागरण संवाददाता, देहरादून: क्या कोई अधिकारी अपने वाहन को एक दिन के लिए भी सड़क पर लावारिश हाल छोड़ सकता है। शायद बिल्कुल नहीं। तो फिर क्यों लोनिवि के एक करोड़ रुपये की लागत के वाहन पिछले तीन साल से सड़क पर लावारिश खड़े हैं। इनकी सुध लेना तो दूर, जिम्मेदार अधिकारियों को यह तक मालूम नहीं कि उनके वाहनों को एक छत तक नसीब नहीं है। देखरेख के अभाव में वाहन धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं।

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वर्ष 2012 में लोनिवि प्रांतीय खंड की तहसील चौक स्थित वर्कशॉप व मैकेनिकल कार्यालय को ध्वस्त कर जमीन दून अस्पताल के विस्तारीकरण के लिए दे दी गई। तब से यहां खड़े रहने वाले सात रोड रोलर, एक ट्रक, एक ट्रैक्टर, एक जीप की छत भी छिन गई। वाहनों के लिए छत मुहैया कराने की जगह अधिकारियों ने इनका ठिकाना सड़क को बना दिया। अक्सर ये वाहन प्रांतीय खंड कार्यालय के पिछले वाले भाग में सड़क पर लावारिश खड़े रहते हैं। देखरेख न होने से वाहनों के टूल बॉक्स व अन्य उपकरण भी चोरी हो गए। वर्ष 2012 से अब तक खंड में चार अधिशासी अभियंता तैनात हो चुके हैं, मगर किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। स्थिति यह है कि यदि जल्द वाहनों की सुध न ली गई तो इन्हें कबाड़ के भाव बेचना पड़ जाएगा।

29 कर्मचारी भी डोल रहे यहां-वहां

वर्कशॉप ध्वस्त होने से वाहन ही लावारिश नहीं हुए, वाहन चालक समेत कुल 29 मैकेनिकल कर्मचारियों के सिर से भी छत छिन गई। आलम ये है कि पिछले करीब तीन साल से इन कर्मचारियों का समय कभी वाहनों पर तो कभी प्रांतीय खंड परिसर में इधर-उधर डोलकर बीत रहा है।

'चालकों के लिए कार्यालय की व्यवस्था जल्द की जाएगी। वाहनों के लावारिश अवस्था में खड़े रहने की जानकारी मुझे नहीं है। यदि ऐसा है तो इस दिशा में भी उचित प्रयास किए जाएंगे।'

-एसके गर्ग, अधिशासी अभियंता, लोनिवि

'यदि जल्द वाहनों की देखरेख नहीं की गई तो एक भी वाहन इस्तेमाल योग्य नहीं बचेगा। अभी भी ये वाहन बामुश्किल स्टार्ट हो पाते हैं। अधिकारियों से इस बारे में कई बार बात की जा चुकी है।'

-बाबू खान, प्रदेश अध्यक्ष, लोनिवि दैनिक/कार्यप्रभारित कर्मचारी यूनियन


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