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आसान नहीं वन्यजीव अपराध नियंत्रण की राह

जागरण संवाददाता, देहरादून: वन्यजीव अपराध पर नियंत्रण व अपराधियों की धरपकड़ के लिए उत्तराखंड में पहली

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 07:21 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 07:21 PM (IST)

जागरण संवाददाता, देहरादून: वन्यजीव अपराध पर नियंत्रण व अपराधियों की धरपकड़ के लिए उत्तराखंड में पहली बार बुलाई गई वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की बहुराज्यीय (उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश) बैठक में तमाम चुनौतियां उभरकर सामने आईं। बैठक में उपस्थित वन विभाग, पुलिस, एसएसबी, आइटीबीपी व डाक विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मुखबिरी, समन्वय, सर्विलांस, निगरानी व अपराधियों के डाटाबेस जैसे तमाम बिंदुओं को फुलप्रूफ बनाए बिना अपराध पर अंकुश लगाना संभव नहीं है।

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पुलिस की मदद से हो निगरानी

गुरुवार को वन मुख्यालय स्थित मंथन सभागार में आयोजित बैठक में कहा गया कि जमानत पर छूटकर आने वाले अपराधियों की निगरानी जरूरी है। निर्णय लिया गया कि जो अपराधी कोर्ट से जमानत पर छूटकर आते हैं, उनके निवास स्थल के संबधित थाने से निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।

सर्विलांस के कुछ अधिकारी अधिकृत किए जाएं

कई मामलों में अपराधियों को सर्विलांस पर रखना जरूरी होता है, लेकिन इस कार्य के लिए वनाधिकारियों को अधिकृत नहीं किया गया है। कुछ वनाधिकारियों को अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर ही पुलिस से मदद मिल पाती है। तय किया गया कि कर्नाटक राज्य की तर्ज पर वन विभाग के तीन अधिकारियों को सर्विलांस के लिए अधिकृत किया जाए। इस सबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।

ऑपरेशन की खबर हो जाती है लीक

बैठक में उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों ने यह चिंता जताई कि कई बार वन्यजीव अपराध के खिलाफ चलाए जाने वाले ऑपरेशन की सूचना लीक हो जाती है। इस पर अंकुश के लिए विभागीय स्तर पर मजबूत तंत्र की जरूरत पर बल दिया गया। साथ ही कहा गया कि सीमावर्ती राज्यों को आपस में समन्वय बनाकर वन्य अपराध रोकने के प्रयास करने होंगे। इसके लिए ब्यूरो से राष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों का पूरा डाटाबेस मुहैया कराने की अपेक्षा जताई गई।

डाक विभाग मदद को तैयार

कई बार डाक पार्सल के माध्यम से भी वन तस्करी की जाती है। डाक विभाग के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि संदिग्ध पार्सलों की जांच की अनुमति वन विभाग को दी जाएगी। बैठक में मुख्य रूप में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीबीएस खाती, ब्यूरो के क्षेत्रीय उपनिदेशक निशांत वर्मा, राजाजी राष्ट्रीय पार्क की निदेशक नीना ग्रेवाल, वन संरक्षक एसएस रसाईली, एसएसबी के डीआइजी केसी डोभाल आदि उपस्थित थे।


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