अब कुत्तों के लिए भी हॉस्टल
जागरण संवाददाता, देहरादून: कुत्तों का हॉस्टल। यह सुनने में अजीब जरूर लगता है, मगर है सौ फीसद सच। देह
जागरण संवाददाता, देहरादून: कुत्तों का हॉस्टल। यह सुनने में अजीब जरूर लगता है, मगर है सौ फीसद सच। देहरादून में अब कुत्तों के लिए ऐसे हॉस्टल भी हैं, जिन्होंने छुट्टियों में शहर से बाहर जाने वाले लोगों की परेशानी काफी हद तक खत्म कर दी हैं।
कुत्ते के मालिक को अक्सर यह समस्या होती है कि छुट्टियों में बाहर जाते वक्त वह इन्हें किसके भरोसे छोड़ कर जाएं। उनके खान-पान से लेकर तमाम ऐसी चीजें हैं, जिसके लिए किसी जिम्मेदार शख्स की आवश्यकता होती है। अब इसका विकल्प बन रहे हैं डॉग हॉस्टल। ये हॉस्टल सभी सुविधाओं से लैस हैं। यहां सुबह और शाम दोनों वक्त कुत्तों को सैर कराई जाती है। देखभाल के लिए कर्मचारी तैनात हैं तो जांच के लिए चिकित्सक भी आते हैं। हॉस्टल में दाखिले से पहले कुत्तों के मालिकों से एक फार्म भरवाया जाता है। इसमें कुत्ते के डॉक्टर की पूरी जानकारी होती है। मालिक से पूछकर खाने-पीने का मेन्यू तैयार किया जाता है। साथ ही परिवार को समय-समय पर व्हाट्स-अप, ईमेल और वीडियो के जरिये कुत्ते की जानकारी भी दी जाती है। अलग-अलग नस्ल के कुत्तों को रखने की फीस भी अलग है। कुत्तों की पूरी जिम्मेदारी हॉस्टल वॉर्डन की होती है।
सेवक आश्रम रोड पर डॉग बोर्डिग की संचालक नीना नायर बताती हैं कि लोगों को यह विकल्प रास आ रहा है। अब वह बिना संकोच अपने श्वान को छोड़कर छुट्टी पर बाहर जा सकते हैं। गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों में तो उनका हॉस्टल फुल रहता है।