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सुविधाओं से लैस होंगे उच्च शिक्षा संस्थान

प्रस्तावित: अनिल उपाध्याय जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 07:37 PM (IST)

प्रस्तावित: अनिल उपाध्याय

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जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की सूरत जल्द बदली नजर आएगी। ढांचागत सुविधाओं को तरस रहे उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए केंद्र ने खजाना खोल दिया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत राज्य के चार विश्वविद्यालयों और 30 महाविद्यालयों के लिए लगभग 160 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि से ऑडिटोरियम, कंप्यूटर केंद्र समेत विभिन्न कक्षों का निर्माण आदि कराया जाएगा। हालांकि, इस राशि को खर्च किए जाने पर सख्त नजर भी रखी जाएगी। कोताही बरते जाने की स्थिति में अनुदान रद भी किया जा सकता है।

लगभग डेढ़ वर्ष पहले केंद्र ने देशभर में उच्चतर शिक्षा में सुधार के लिए रूसा को लागू किया। इसके बाद राज्य में शासन ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाई और विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा विभाग से विभिन्न गतिविधियों व कार्यो के लिए प्रस्ताव मागे। इन प्रस्तावों के आधार पर राज्य के चार विश्वविद्यालयों को 70.99 करोड़ रुपये, पांच मौजूदा महाविद्यालयों को मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित करने के लिए 16.36 करोड़ रुपये, एक नए मॉडल कॉलेज की स्थापना के लिए 10.29 करोड़ रुपये और 30 अन्य कॉलेजों के लिए 59.82 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की। इस राशि से जहां राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों की सूरत चमकेगी, वहीं इसका सही उपयोग भी संस्थानों के लिए चुनौती भरा होगा। इस राशि का सही वक्त पर सदुपयोग न होने की दशा में अनुदान रद भी किया जा सकता है।

रूसा के परियोजना निदेशक आरके सुधांशु के अनुसार कुमाऊं विश्वविद्यालय को 13.31 करोड़, दून विश्वविद्यालय को 20 करोड़, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय को 19.43 करोड़ रुपये और उत्तराखंड संस्कृत विवि को 18.25 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावों के सापेक्ष स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि इस राशि को प्राप्त करने के लिए संस्थानों के स्तर पर बोर्ड ऑफ गवर्नर और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट गठित की जाएंगी। संस्थाओं के स्तर पर रूसा के लिए खाता खोलना होगा और भेजे गए प्रस्तावों की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) उपलब्ध करानी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार तमाम संस्थानों को सभी औपचारिकताएं 30 दिसंबर तक पूरी कर रूसा परियोजना निदेशालय को अवगत कराना है।

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल का कहना है कि बेहद छोटी टीम होने के बावजूद उन्हें इतनी राशि मिली। इसका श्रेय प्रस्ताव तैयार करने वाली टीम को जाता है।

ये होंगे मॉडल कॉलेज- स्वीकृत राशि

-राजकीय महाविद्यालय, देवीधुरा चंपावत (नया)- 10.29 करोड़

-राजकीय महाविद्यालय, नारायणनगर, पिथौरागढ़-3.22 करोड़

-राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उत्तरकाशी-4.00 करोड़

-राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोपेश्वर (चमोली)-3.50 करोड़

-राजकीय महाविद्यालय, मानीला, अल्मोड़ा- 3.46 करोड़

-राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामनगर, नैनीताल-2.18 करोड़

इन कॉलेजों को भी राशि

राजकीय महाविद्यालय, बलवाकोट (पिथौरागढ़), पुरोला (उत्तरकाशी), गंगोलीहाट (पिथौरागढ़), चौखुटिया(अल्मोड़ा), टनकपुर (चंपावत), चकराता (देहरादून), कपकोट (बागेश्वर), गोपेश्वर (चमोली), नैनीडांडा (पौड़ी), सतपुली (पौड़ी), सोमेश्वर (अल्मोड़ा), नरेंद्र नगर (टिहरी), थत्यूड़ (टिहरी), रिखणीखाल (पौड़ी), त्यूणी (देहरादून), दोसापानी (नैनीताल), नागनाथ पोखरी (चमोली), कोटाबाग (नैनीताल), कांडा (बागेश्वर), गरुड़ (बागेश्वर), गरुड़ाबाज (अल्मोड़ा), भिकियासैंण (अल्मोड़ा), मुनस्यारी (पिथौरागढ़), बाजपुर (यूएस नगर), थलीसैंण (पौड़ी), रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग), चिन्यालीसौड़(उत्तरकाशी) और नैनबाग (टिहरी) को लगभग दो-दो करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।


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