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जो वफादारी का सर्टिफिकेट मागे उसका गिरेबां पकड़ लो

जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने गुरुवार को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम म

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 08:44 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 08:44 PM (IST)
जो वफादारी का सर्टिफिकेट  मागे उसका गिरेबां पकड़ लो

जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने गुरुवार को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम में बेबाकी से राय जाहिर की। अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर से मुस्लिमों से कहा कि 'हिंदुस्तान में जो लोग तुमसे वफादारी का सर्टिफिकेट मांगे उसका गिरेबां पकड़ लो। बंदूक लेकर उसे अपने साथ बार्डर पर ले जाओ। दिखा दो कि तिरंगे की आन-बान और शान को हम कभी झुकने नहीं देंगे।' डॉ. कुरैशी ने अल्पसंख्यकों से झोली और दामन न फैलाने के साथ ही आवाज बुलंद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो कौम झोली-दामन फैलाती है वह मिटा दी जाती है।

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संबंध में डॉ. कुरैशी ने कहा कि उनकी 'सर्वोदय' विचारधारा अंग्रेज लेखक रस्किन की बुक 'अनटू दिस लॉस्ट' पर आधारित है। गांधी जी ने इस बुक के सामाजिक और आर्थिक विचार से प्रभावित होकर सर्वोदय नाम का उदय किया था। इस विचारधारा में समाज के सभी वर्गो को अपनी आजीविका चलाने के लिए समान अधिकार की व्यवस्था लागू है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले को उन्होंने इस्लाम और इंसानियत के नाम पर कलंक बताया। यह काफिरों व इस्लाम विरोधियों का काम है। इस्लाम में अल्पसंख्यकों के संरक्षण पर जोर दिया गया है। अगर मुल्क में इस्लामी हुकुमत है तो वह गैर-मुस्लिमों की संपत्ति अधिग्रहण नहीं कर सकती। उनके धार्मिक अधिकारों का संरक्षण भी हुकुमत का काम है लेकिन बेगैरत पाकिस्तान सरकार ने वहां ऐसा कुछ नहीं किया। डॉ. कुरैशी ने कहा कि देश विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं पर जुल्मों का सिलसिला जारी है। हिंदुओं को व्यापार की अनुमति तब दी जाती है, जब वे अपनी दुकानों में मुस्लिम उलेमाओं की फोटो लगाएं। डॉ. कुरैशी ने पूर्व में की गई अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान मिले कुछ कड़वे अनुभव भी बताए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार हिंदुओं की संपत्ति कब्जाए बैठी है। इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम पाकिस्तान के मुकाबले हिंदुस्तान में ज्यादा सुरक्षित और आजाद है। हालांकि, उन्होंने आजादी के बाद भारत में अल्पसंख्यकों व उर्दू के साथ पूरा इंसाफ नहीं होने की बात कही। उन्होंने अल्पसंख्यकों को नौकरी व उद्योगों में आगे बढ़ाने पर जोर दिया।


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