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सरकार सीबीआइ जांच को तैयार

राज्य ब्यूरो, देहरादून: रामनगर में छात्र नेता रोहित पांडे की आत्मदाह में मौत का मामला आज सदन में गूं

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 05:21 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:00 AM (IST)
सरकार सीबीआइ जांच को तैयार

राज्य ब्यूरो, देहरादून: रामनगर में छात्र नेता रोहित पांडे की आत्मदाह में मौत का मामला आज सदन में गूंजा। विपक्ष ने इसे पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुआ कांड बताते हुए पूरे मामले की सीबीआइ से जांच की मांग की। नेता सदन हरीश रावत ने इसे संवेदनशील व दुखद घटना करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार सीबीआइ जांच को तैयार है, मगर इससे पूर्व मृतक छात्रनेता के परिजनों से परामर्श लिया जाएगा। इसके लिए जल्द एक वरिष्ठ सदस्य को रामनगर भेजा जाएगा।

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शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत यह प्रकरण सदन में उठाते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के दो गुटों की लड़ाई में एक छात्र मारा गया। पुलिस चुपचाप देखती रही। घटना के बाद रोहित ने मृत्यु से पूर्व दिए बयान में कुछ लोगों के नाम लिए, मगर 23 दिन बाद भी राज्य सरकार बताने की स्थिति में नहीं। सीबीसीआइडी जांच पर खुद रोहित के परिजनों को भरोसा नहीं है। ऐसे में पूरे प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराई जानी चाहिए। रोहित के परिजनों व उन छात्रों को भी मुआवजा दिया जाना चाहिए, जिनकी मोटरसाइकिलें जलाई गई।

उन्होंने इस मामले में एक दायित्वधारी का हाथ होने का आरोप लगाते हुए सदन में कार्य स्थगन कर चर्चा की मांग की। विधायक मदन कौशिक व बशीधर भगत ने कार्य स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा में भाग लेते हुए सीबीआइ जांच की मांग की। गृह मंत्री प्रीतम सिंह ने मामले में अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि इसकी जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई है। नेता सदन हरीश रावत ने इसे बेहद दुखद घटना बताते हुए कहा कि मौत से पूर्व दिया बयान साक्ष्य का हिस्सा होता है। यह जांच अधिकारी का कार्यक्षेत्र है कि मृत्यु पूर्व बयान पर विचार करे।

इसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने भरोसा दिया कि इस पूरे प्रकरण में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, तो ऐसे अफसर बख्शे नहीं जाएंगे। यदि मृतक छात्र के परिजन चाहेंगे, तो सरकार सीबीआइ जांच कराने के लिए तैयार है, मगर इससे पूर्व सरकार के वरिष्ठ सदस्य को छात्र के परिजनों से परामर्श करने के लिए रामनगर भेजा जाएगा। नेता सदन के इस आश्वासन के बाद स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कार्य स्थगन कर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को अग्राह्य कर दिया।


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