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गन्ना किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा

राज्य ब्यूरो, देहरादून गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भाजपा विधायकों ने सोमवार को विधानसभा

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 01:02 AM (IST)
गन्ना किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भाजपा विधायकों ने सोमवार को विधानसभा में सरकार की घेराबंदी की। विधानसभा मंडप के बाहर गैलरी में विधायक अपनी मांग के समर्थन में तख्ती लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में ढिलाई बरतने नहीं दी जाएगी। इसके लिए चीनी मिलों पर सख्ती बरती जाएगी।

विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान नियम-58 के तहत भाजपा विधायकों मदन कौशिक, हरभजन सिंह चीमा ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा उठाया। इससे पहले विधायक संजय गुप्ता, यतीश्वरानंद, राजेश शुक्ला और पुष्कर धामी अपनी मांगों के समर्थन में हाथों में तख्ती लेकर विधानसभा मंडल के प्रवेश द्वार तक पहुंचे। विधायक मदन कौशिक ने कहा कि गन्ना किसानों का तकरीबन 175 करोड़ बकाया है। इच्छाशक्ति नहीं होने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकार ने इस वर्ष गन्ने का मूल्य तय नहीं किया है। निजी चीनी मिलें किसानों का बकाया भुगतान में रुचि नहीं ले रही हैं। कम रिकवरी को आधार बनाकर यह मामला लटकाया नहीं जाना चाहिए। गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने एक माह में किसानों का बकाया भुगतान का आश्वासन दिया था। विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि काशीपुर में मिलों पर गन्ना किसानों का 40 करोड़ रुपया बकाया है। पैसा नहीं मिलने से किसान बदहाली से जूझ रहे हैं।

विपक्ष के हमलों के जवाब में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र की पिछली यूपीए सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया के लिए 6600 करोड़ की राशि मुहैया कराई थी। इस वजह से राज्य के किसानों को बकाया 72 करोड़ का भुगतान किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट के चलते निजी मिलों की स्थिति कमजोर हुई है। केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद किसानों को अच्छे दिनों का भरोसा था, लेकिन किसानों का भरोसा पूरा नहीं हुआ है। राज्य सरकार को चीनी मिलों को भी सहारा देना है, ताकि पेराई सत्र ठीक तरह से प्रारंभ हो। किसानों के बकाया भुगतान को लेकर गंभीरता बरती जा रही है। आधुनिकीकरण के अभाव में चीनी मिलें बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से 400 करोड़ का पैकेज मांगा गया है। इनमें 200 करोड़ की राशि मिलों के आधुनिकीकरण पर खर्च होगी, शेष राशि से किसानों का बकाया भुगतान किया जाएगा। काशीपुर में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को सरकार की ओर से नीलामी के लिए लिक्विडेटर की नियुक्ति की जाएगी।


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