1451 स्कूल बिजली से महरूम
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में भले ही आज सरकार स्कूल में कंप्यूटर का ज्ञान देने का दावा कर रहे ह
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में भले ही आज सरकार स्कूल में कंप्यूटर का ज्ञान देने का दावा कर रहे हैं मगर हालात इन दावों को आइना दिखाते नजर आ रहे हैं। हालत यह है कि प्रदेश में ऊधमसिंह नगर को छोड़ कोई भी जिला ऐसा नहीं है, जहां शत-प्रतिशत स्कूलों में बिजली के कनेक्शन हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि स्कूलों की ओर से आयोजन व संयोजन शुल्क प्राप्त होने के बाद ही कार्य शुरू हो पाएगा ।
सोमवार को सदन में सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के आतारंकित प्रश्न के उत्तर में यह बात सामने आई। बताया गया कि प्रदेश के 13 में से 12 जिलों में अभी भी ऐसे स्कूल हैं जहां बिजली के कनेक्शन नहीं हैं। इनमें सबसे अधिक 370 स्कूल चमोली जिले के हैं। जिले की कर्णप्रयाग व थराली विधानसभा में 150-150 स्कूल बिना बिजली के कनेक्शन के ही चल रहे हैं। इसके अलावा पौड़ी जिले के 279 स्कूल, अल्मोड़ा के 192, चंपावत के 172 स्कूल, टिहरी के 150 स्कूल, रुद्रप्रयाग के 116 स्कूल, पिथौरागढ़ के 76 स्कूल, उत्तरकाशी के 50, बागेश्वर के 27, देहरादून के 18, नैनीताल के चार और हरिद्वार के एक स्कूल में बिजली का कनेक्शन नहीं है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने उत्तर में कहा है कि आवेदन एवं संयोजन शुल्क प्राप्त होने पर नियमानुसार संयोजन निर्गत कर दिए जाएंगे।
पुनर्वास को चल रही भूमि चयन की कार्यवाही
प्रदेश में 341 आपदा प्रभावित संवेदनशील गांवों को पुनर्वास की आवश्यकता है। अभी तक इनके पुनर्वास की रफ्तार सुस्त चल रही है। हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक के सवाल पर जवाब देते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभी तक आपदा के बाद 2508 आवास पुनर्निर्माण हेतु स्वीकृत हैं। 200 ग्रामों का तकनीकी भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जा चुका है तथा अन्य के संबंध में कार्यवाही चल रही है। पुनर्वास के लिए भूमि चयन की कार्यवाह की जा रही है।
बाहरी एजेंसी से होगी लाइनमैनों की तैनाती
प्रदेश में इस समय विभिन्न जिलों में लाइनमैन के पद रिक्त चल रहे हैं। इसके लिए सरकार बाहरी एजेंसी के माध्यम से संविदा पर तैनाती किए जाने की तैयारी है। लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लाइनमैन के स्वीकृत पदों के सापेक्ष बाहरी एजेंसी के माध्यम से संविदा पर तैनाती की जाएगी और अवर अभियंता के पदों पर प्राविधिक शिक्षा परिषद के माध्यम से कार्यवाही चल रही है।
चंद्रभागा में चुगान की अनुमति नहीं
राज्य सरकार अभी नरेंद्रनगर की चंद्रभागा नदी पर खनन शुरू करने के बारे में कोई विचार नहीं कर रही है। नरेंद्र नगर विधायक सुबोध उनियाल की ओर से पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चद्रंभागा में चुगान न होने के कारण फिलहाल ढालवाला और मुनि की रेती में बाढ़ की कोई आशंका नहीं है। ऐसे में यहां चुगान की अनुमति देने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।