हंगामे के बीच 135 मोटर मैकेनिक को मिली दुकानें
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजधानी की सड़कों को सुकून देने की मंशा व शहर के मोटर मैकेनिकों को एक स्था
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजधानी की सड़कों को सुकून देने की मंशा व शहर के मोटर मैकेनिकों को एक स्थान पर स्थापित करने के लिए आयोजित की गई लॉटरी प्रक्रिया में 135 मैकेनिकों को दुकानें आवंटित कर दी गईं। हालांकि मोटर मैकेनिकों के एक संगठन ने एमडीडीए पर लॉटरी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा। एमडीडीए ने किसी भी तरह की आपत्ति के लिए एक सप्ताह का समय तय किया है।
गुरुवार को नगर निगम प्रेक्षागृह में ट्रांसपोर्ट नगर फेज-दो में पंजीकृत 376 मोटर मैकेनिकों में से 135 को दुकान आवंटित करने के लिए लॉटरी निकाली गई। जैसे-जैसे दुकानें आवंटित होती गई, मैकेनिकों के चेहरों के रंग बदलते रहे। इसी बीच ट्रांसपोर्ट नगर मैकेनिकल वेलफेयर सोसाइटी ने धांधली का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दून ट्रक यूनियन कुछ माह पहले ही अस्तित्व में आई औरउसके करीब 30 लोगों को दुकान दे दी गई। इसी तरह किसी भी संगठन में पंजीकरण न होने के बावजूद आधा दर्जन लोगों को दुकान दे दी गई। सोसाइटी के अध्यक्ष एमएस गुड्डू ने अपात्र मैकेनिक का आवंटन निरस्त करने की मांग उठाई। वहीं, एमडीडीए सचिव वंशीधर तिवारी ने किसी भी अनियमितता से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि आपत्ति के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। शिकायतों का उचित निस्तारण किया जाएगा। लॉटरी में पर्यवेक्षक एवं जिलाधिकारी की प्रतिनिधि के रूप में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) झरना कमठान, एमडीडीए उपाध्यक्ष आर मीनाक्षी सुंदरम् व एमडीडीए के विभिन्न कार्मिक उपस्थित रहे।
आरोप पर एमडीडीए के तर्क
-कोर एरिया (शहर के अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र) से 67 मैकेनिकों का चयन किया गया। इनमें 36 स्वामी व शेष कर्मचारी हैं। 68 मैकेनिक ट्रांसपोर्ट नगर से लिए गए।
-मैकेनिकों के लिए पंजीकृत संगठनों की सदस्यता की अनिवार्यता रखी गई, मालिक वर्ग के लिए यह अनिवार्यता नहीं होगी।
-अतिक्रमित स्थानों वाले मैकेनिकों को अपात्र करार दिया गया।