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पंचायत चुनावों ने छह टुकड़ों में बांटे तीन गांव

जागरण कार्यालय, मसूरी: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव संपन्न हुए चार माह बीत गए, लेकिन चुनाव में मिली हा

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 08:09 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 08:09 PM (IST)

जागरण कार्यालय, मसूरी: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव संपन्न हुए चार माह बीत गए, लेकिन चुनाव में मिली हार को पराजित पक्ष अब तक नहीं पचा पा रहे। इसी का नतीजा है कि सदियों से मिलजुल कर त्योहारों को मनाते आए ग्रामीणों ने इस बार दीवाली अलग अलग मनाई। इसकी बानगी आपसी भाईचारे के लिए पहचान रखने वाले टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड में साफ देखी जा सकती है, जहां ग्रामीण माहौल में कड़वाहट पैदा हो गयी है।

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निकटवर्ती जौनपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरांसू व मसोन में माहौल इन दिनों बेहद संवेदनशील है। सदियों से ग्रामीण दीपावली के दिन सामूहिक डिबसा जलाकर एक साथ होले (भैलू) खेलते थे। साथ ही मंडाण चौक में सामूहिक रूप से पारंपरिक गीतों के साथ नृत्य होता था। लेकिन, इस बार दोनों पक्षों ने अलग अलग डिबसा जलाया और होले खेले। परंपरा के अनुसार अब तक दीपावली के दिन गांवों के प्रत्येक परिवार का सदस्य जब तक भैलू खेलने के लिए मंडाण चौक में एकत्रित नहीं हो जाता था, तब तक ग्रामीण डिबसा जलाने के लिए प्रस्थान नहीं करते थे और भैलू नहीं खेलते थे। लेकिन, इस बार सुरांसू ग्राम पंचायत के अंतर्गत खरक गांव में भी दोनों पक्षों ने अलग-अलग भैलू खेले। मसोन गांव का भी यही हाल रहा, जहां पर दोनों पक्षों के बीच बहस एवं धक्कामुक्की के बाद अलग-अलग होले खेले गये।

गावों के वरिष्ठजनों ने दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह सामाजिक एकता को एक रखने में नाकाम रहे। बहरहाल, उक्त ग्राम पंचायतों की पूरे क्षेत्र में खूब छीछालेदर हो रही है।


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