दीपावली पर दिल्ली रूट रहा फुल
जागरण संवाददाता, देहरादून: हर किसी को घर जाने की जल्दी, चाहे बस में सिर्फ पांव रखने की जगह ही क्यों
जागरण संवाददाता, देहरादून: हर किसी को घर जाने की जल्दी, चाहे बस में सिर्फ पांव रखने की जगह ही क्यों न हो। किसी तरह जिद्दोजहद कर बस में चढ़ गए और फिर पूरा सफर खड़े होकर तय किया। यह नजारा बुधवार को आइएसबीटी पर देखने को मिला। सभी रूटों की बसें पूरी तरह फुल रहीं। दिल्ली रूट पर यात्रियों की भीड़ सबसे ज्यादा रही। इस रूट पर लगाई गई अतिरिक्त बसें भी कम पड़ गईं। रेलवे स्टेशन पर भी यही हाल देखने को मिला। रात की ट्रेन में भी पांव रखने की जगह नहीं थी। दून एक्सप्रेस, उपासना एक्सप्रेस, काठगोदाम व मसूरी एक्सप्रेस में यात्रियों की भारी भीड़ रही।
दीपावली की छुट्टियों पर घर जाने के लिए यात्रियों की मारामारी बुधवार दोपहर से ही शुरू हो गई थी। राज्य सरकार की तरफ से तो बुधवार की छुट्टी घोषित कर दी गई थी, लेकिन जो लोग निजी कंपनियों में काम करते हैं, उनका रेला बुधवार को रवाना हुआ। अधिकतर कर्मचारी दोपहर बाद ही दफ्तरों से निकल गए। आइएसबीटी पर सबसे ज्यादा रेला दिल्ली रूट पर दिखा। दिल्ली के लिए रोडवेज ने अतिरिक्त बसें लगाई थीं, लेकिन ये भी कम पड़ती दिखीं। वोल्वो व हाईटेक की सीटें तो पहले ही फुल हो चुकी थीं। साधारण बसों में भी सीटें फुल होने पर बड़ी संख्या में यात्रियों ने खड़े होकर यात्रा की। यूपी रोडवेज ने भी अतिरिक्त बसें लगाई थीं, इस वजह से कुछ दबाव जरूर कम हुआ। देहरादून से कुमाऊं की तरफ जाने वाले यात्रियों की संख्या भी खासी अधिक रही। हालांकि, इस रूट पर बसें कम होने से यात्रियों ने मैक्स कैब व टैक्सी से सफर किया।
डग्गामार वाहनों ने काटी चांदी
दीपावली पर बसें और ट्रेनें कम पड़ जाने से डग्गामार वाहन चालकों ने जमकर चांदी काटी। मैक्स, कैब, टैक्सी व प्राइवेट बस वालों ने यात्रियों से दो सौ रुपये के किराये वाले सफर के लिए तीन सौ से चार सौ रुपये तक वसूले। मजबूरी में यात्रियों को इन वाहनों की मनमानी सहन करनी पड़ी। बुधवार सुबह से रात तक डग्गामार वाहन दौड़ते रहे, पर जिम्मेदार सरकारी महकमों ने इन्हें पकड़ने की जहमत नहीं उठाई।