कंपाउंडिंग योजना का खाका तैयार
राज्य ब्यूरो, देहरादून: तय मानकों पर फिट नहीं बैठने वाले आवासीय भवनों को एकमुश्त राहत देने के लिए राज्य सरकार स्पेशल कंपाउंडिंग योजना तैयार कर रही है, मगर इस योजना में व्यावसायिक भवनों व बहुमंजिला इमारतों को कतई राहत नहीं मिलने वाली। आवास विभाग द्वारा योजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जिसे विभागीय मंत्री के पास अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है। करीब हफ्ते भर में यह योजना लागू होने की उम्मीद की जा रही है।
राजधानी देहरादून में बीते कुछ वर्षो में आवासीय व व्यावसायिक भवनों का जिस तेजी से निर्माण हुआ है, भवन निर्माण में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा तय मानकों की अनदेखी के मामलों में भी खासी बढोतरी हुई है। वर्तमान में देहरादून में लगभग 26 हजार आवासीय इकाईयां ऐसी हैं, जिनका तय मानकों का उल्लंघन होने पर या तो चालान किया गया है, या फिर उनके ध्वस्तीकरण के आदेश जारी हो चुके हैं। मुश्किल यह है कि एमडीडीए न तो निर्माण के दौरान ऐसे भवनों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई कर पाया और न इतने बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण करना आसान है।
यदि ऐसी सख्त कार्रवाई होती भी है, तो कई ऐसे लोगों को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है, जिन्होंने जीवन भर की कमाई एक अदद आशियाना बनाने में लगा दी। ऐसे लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार जल्द विशेष कंपाउंडिंग योजना शुरू करने जा रही है, जिसमें इस प्रकार की आवासीय इकाइयों को एकमुश्त कंपाउंडिंग के जरिए वैध घोषित कर दिया जाएगा। योजना में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि जानबूझ कर मानकों को ठेंगा दिखाने वाले बिल्डर्स व कालोनाइजर को इसका फायदा न मिल जाए।
सूत्रों के मुताबिक इस विशेष कंपाउंडिंग में व्यावसायिक भवनों और बहुमंजिला इमारतों (आवासीय) से जुड़े मामलों पर विचार नहीं किया जाएगा। सचिव आवास डीएस गब्र्याल ने बताया कि शासन स्तर पर योजना का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है, जिसे विभागीय मंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है। विभागीय मंत्री से अनुमोदन मिलने पर योजना को जल्द लागू किया जा सकता है।