जायका योजना से मिलेगा रोजगार
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में वन पंचायतों को मजबूत करने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए 700 करोड़ रुपये की जाइका योजना प्रारंभ की जा रही है। साथ ही, 1200 करोड़ की वाटरशेड मैनेजमेंट योजना में भी स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा नाबार्ड की मदद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाई जाएंगी।
हिमोत्थान परियोजना की राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में अपर मुख्य सचिव राकेश कुमार ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर रतन टाटा ट्रस्ट द्वारा संचालित इस परियोजना के माध्यम से पेयजल, स्वच्छता, आजीविका, पुनर्निर्माण, कृषि, बागवानी आदि क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के साथ डवटेल कर कार्य होना चाहिए। केंद्रीय हिमालय क्षेत्र में हिमोत्थान परियोजना एक लाख घरों के जीवन स्तर में सुधार के लिए काम कर रही है। दस जिलों के 56 ब्लॉक में यह योजना चलाई जा रही है।
उपज बढ़ाने के लिए चार जिलों के 32 गांवों को इसमें लिया गया। इससे 3500 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं और 15 हेक्टेयर में 300 किसान उन्नतशील गेहूं की खेती कर रहे हैं। 18 हेक्टेयर में 317 किसान धान की खेती कर रहे हैं। बताया गया कि राज्य आर्गनिक बोर्ड के सहयोग से सात जिलों के 14 ब्लॉकों में आर्गनिक खेती से 18 हजार परिवारों को लाभ मिल रहा है। महिला डेयरी का 4.36 करोड़ का टर्नओवर है, जिसमें से 3.38 करोड़ का भुगतान किसानों को किया गया है।
आठ जिलों के 20 ब्लॉकों में 1300 गांवों में गांव चलो अभियान चलाया जा रहा है। इसे 1200 स्वयं सहायता समूह, दो महिला फैडरेशन, 10 फर्म, 10 स्वयं सेवी संस्थाएं हैं। इसके तहत मार्च 2014 तक 257922 किलोग्राम चाय की बिक्री की गई है। प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में चमोली जिले के घाट, नैनीताल के रामगढ़ और बेतालघाट व बागेश्वर में कार्य किया जा रहा है। बैठक में सचिव ग्राम्य विकास विनोद फोनिया, आईफेड के परियोजना निदेशक विजय कुमार, हिमोत्थान के अध्यक्ष बीके जोशी, पाइक क परियोजना निदेशक अनूप मलिक आदि मौजूद थे।