बांध प्रभावितों की भी सुध लेगा कोई
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
देश को रोशन करने के लिए अपने घर और खेत-खलियान छोड़ने वाले टिहरी बांध विस्थापितों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। विस्थापित क्षेत्र में समस्याओं से जूझ रहे परिवारों ने उप जिलाधिकारी से समाधान के लिए गुहार लगाई है।
टिहरी डैम से प्रभावित अलग-अलग गांवों को ऋषिकेश के निकट पशुलोक व आमबाग क्षेत्र में विस्थापित किया गया है। मगर, इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के लिए लोग आज भी तरस रहे हैं। बिजली के लिए जिन लोगों ने अपने पुश्तैनी घर व खेत, खलिहान छोड़ दिए वह लोग क्षेत्र में सड़कों पर पथ प्रकाश की मांग कर रहे हैं। कई शिकायतों के बाद भी न तो पुनर्वास विभाग और न ही ऊर्जा निगम इनकी मांगों पर गौर करने को तैयार है। सड़कों के किनारे झाड़ियां इस कदर बढ़ गई कि यहां हाथी भी छुपा हो तो किसी को पता नहीं चलेगा। जंगली जानवरों के भय के कारण लोग बच्चों को अकेले घर से बाहर भी नहीं भेजते। विस्थापित क्षेत्र में कई हैंडपंप लगे हैं मगर, गिनती के ही हैंडपंप हैं जिनसे पानी निकलता है, ज्यादातर हैंडपंप सफेद हाथी बने हुए हैं। टिहरी बांध प्रभावित पुनर्वासित जन संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को इस संबंध में उप जिलाधिकरी को ज्ञापन सौंपा। मोर्चा के सचिव गंभीर सिंह गुलियाल ने बताया कि जिम्मेदार विभागों और प्रशासन के रवैये से स्थानीय नागरिक नाराज हैं। यही स्थिति रही तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होंगे। प्रतिनिध मंडल में धर्मेद्र गुलियाल, सोहन लाल जोशी आदि शामिल थे।