नौकरशाहों के आवास मामले ने पकड़ा तूल
राज्य ब्यूरो, देहरादून
शासन के मुख्य सचिव और समकक्ष स्तर के आला अधिकारियों के लिए नए आवास बनाने के प्रस्ताव पर सियासत गरमा गई है। इस फैसले की मुखालफत सत्तारूढ़ कांग्रेस ने की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने नौकरशाहों के लिए नए आवासों पर सवाल निशान लगाते हुए कहा कि प्रदेश में विधायक हों या नौकरशाह, सभी को आवास नीति के दायरे में लाया जाना चाहिए।
प्रदेश में मुख्य सचिव और उनके समकक्ष वेतनमान 80 हजारी अधिकारियों के लिए पांच आवास बनाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में मुख्य सचिव सुभाष कुमार की ओर से भी राज्य संपत्ति महकमे को निर्देश दिए गए हैं। ये पांच आवास आइएचएम गढ़ी कैंट में प्रस्तावित किए गए हैं। सूबे के आला नौकरशाहों के लिए आवास की इस व्यवस्था का विरोध भी शुरू हो गया है। प्रदेश कांग्रेस ने इन आवासों के प्रस्ताव पर ही सवाल खड़े किए हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि सूबे में नौकरशाही को जनप्रतिनिधियों को तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए। उनके सम्मान को नजरअंदाज करने से जनप्रतिनिधियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए आवासीय व्यवस्था अपर्याप्त और स्तरीय नहीं है। वहीं नौकरशाहों के लिए तमाम साजोसामान जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों, विधायकों और नौकरशाहों के आवास की एक पुख्ता नीति होनी चाहिए। इसके आधार पर आवासों का निर्माण किया जाना चाहिए। प्रदेश संगठन इस मुद्दे पर गंभीर है। इसे उचित मंच पर उठाया जाएगा।