बीआरओ घोटाले में 22 अगस्त को तय होंगे आरोप
जागरण संवाददाता, देहरादून: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से बनी सड़क में घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल करने और प्रयोगशाला से झूठी रिपोर्ट बनाने के मामले में 22 अगस्त को आठ आरोपियों पर आरोप तय किए जाएंगे। इसमें करीब एक करोड़ का घोटाला सामने आया था। सीबीआइ ने इस मामले में जांच के बाद आरोप-पत्र दाखिल किया था। बुधवार को सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए। उन्हें आरोप-पत्र की नकलें उपलब्ध कराई गई।
बता दें कि मामले में सीबीआइ की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल शैलेंद्र ग्रोवर निवासी सूर्यनगर गाजियाबाद, जेएंडके प्रोजेक्ट के जीआरईएफ भगवत प्रसाद निवासी रायपुर देहरादून, टास्क फोर्स प्रोजेक्ट स्वास्तिक सिक्किम के प्रेम नारायण निवासी उदितपुर लोक विद्यापतनगर महाराजगंज उत्तर प्रदेश, आरसीसी प्रोजेक्ट स्वास्तिक सिक्किम के सुभाष चंद्र निवासी जय राजपुर आजमगढ़ यूपी व कांट्रेक्टर सुरेंद्र कुमार निवासी ग्राम गदरहेडी सरसावा सहारनपुर यूपी समेत आठ को आरोपी बनाया। सीबीआइ रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर-2007 को सेना मुख्यालय के नीतिगत निर्णय के अंतर्गत जोशीमठ-मलारी रोड का प्राथमिकता के आधार पर चौड़ा किया जाना तय हुआ। निर्माण कार्य बीआरओ के जरिये शुरू हो गया। निर्माण सामग्री की सप्लाई का जिम्मा संविदा के जरिये मैसर्स हिलवेज कंट्रक्शन कंपनी को मिला। संविदा की शर्त थी कि सप्लाई किए जाने वाली निर्माण सामग्री को प्रयोगशाला में टेस्ट के बाद ही मंजूर किया जाना था। निर्माण सामग्री भेजने के साथ ही कंपनी ने पीडब्ल्यूडी की प्रयोगशाला मुनीकीरेती की रिपोर्ट दाखिल की। इसके अनुसार सप्लाई सामग्री की जांच इंजीनियर इंचार्ज ने आरसीसी हॉटमिक्स प्लांट साइंस पर कराई, लेकिन पाया गया कि इंजीनियर इंचार्ज प्रेम नारायण ने फर्जी पत्र हिलवेज कंपनी को डिस्पैच किए। सीबीआइ को मिली शिकायत व जांच में पाया गया कि सड़क निर्माण का एस्टीमेट भी बढ़ा दिया गया था। जो पत्थर ज्वालापुर हरिद्वार से मंगाना दिखाया गया था, वह हरिद्वार का नहीं बल्कि आसपास की खदान का था। मुनिकीरेती प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी फर्जी निकली। आइआइटी रुड़की व दून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट की जांच में पाया गया कि निर्माण सामग्री बेहद घटिया श्रेणी की थी। इससे सरकार को करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया। मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल शैलेंद्र ग्रोवर, भगवत, प्रेम नारायण, सुभाष चंद्र व सुरेंद्र कुमार ने अदालत में सरेंडर किया था।