लोकसेवा आयोग का एसओ को 10 हजार घूस लेते धरा
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रमोशन दिलाने का झांसा दे देहरादून के आबकारी विभाग की महिला कर्मचारी से 10 हजार रुपये घूस ले रहे हरिद्वार स्थित राज्य लोक सेवा आयोग में तैनात अनुभाग अधिकारी को विजिलेंस ने रंगेहाथ दबोच लिया। वह रिश्वत लेने दून पहुंचा हुआ था। उसने 20 हजार रुपये में सौदा तय किया था। इसकी एवज में एडवांस के रूप में 10 हजार रुपये दिए जा रहे थे। आरोपी आयोग की कर्मचारी यूनियन का अध्यक्ष भी है। चार महीने से वह कर्मचारियों को भड़काने और बरगलाने के आरोप में निलंबित चल रहा है।
बुधवार को एसपी विजिलेंस वीकेएस कार्की ने बताया कि प्रगति विहार दून निवासी प्रतिमा गुप्ता आबकारी विभाग देहरादून कार्यालय में लिपिक हैं व उनका प्रमोशन आबकारी निरीक्षक पद पर लंबित है। उनका नाम गत पांच फरवरी को राज्य लोक सेवा आयोग को भेजी गई सूची में शामिल है। डीपीसी 29 मई यानी गुरुवार को होनी थी। प्रतिमा का आरोप है कि जब वे प्रमोशन के संबंध में जानकारी लेने हरिद्वार गई तो वहां राज्य लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी (परीक्षा-दो) सुनील मिश्रा ने उन्हें बताया कि उनका साल 2002-03 का सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र पत्रावली में नहीं है। यदि प्रमाण पत्र मिल गया तो वह प्रमोशन दिला देगा। मिश्रा कर्मचारी यूनियन का अध्यक्ष भी है। मिश्रा ने प्रतिमा से 20 हजार रुपये रिश्वत मांगी। जिसमें 10 हजार रुपये पहले व बाकी काम होने के बाद देना तय हुआ। प्रतिमा ने मिश्रा को बुधवार सुबह देहरादून में रिस्पना पुल के पास एक रेस्तरां में बुलाया और विजिलेंस में शिकायत कर दी। इंस्पेक्टर जवाहर लाल व भाष्कर लाल शाह की टीमों ने बुधवार को रेस्तरां में डेरा डाल लिया। कुछ देर में आरोपी मिश्रा भी पहुंचा व प्रतिमा के कागजात देखने लगा। जैसे ही प्रतिमा ने पर्स से 10 हजार रुपये निकालकर मिश्रा को दिए, तभी विजिलेंस ने आरोपी को दबोच लिया और विजिलेंस मुख्यालय ले आई। आरोपी सुनील मिश्रा पुत्र उमाशंकर मिश्रा मूलत: उत्तर प्रदेश के ग्राम-ओरई कलां थाना खेता सराय, जिला जौनपुर का निवासी है। वह पत्नी व बच्चों के साथ हरिद्वार में लोक सेवा आयोग की सरकारी कालोनी में रह रहा है। विजिलेंस ने उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी कार्की ने विजिलेंस टीम को ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की।
पहली बार उठी महिला की आवाज
विजिलेंस अफसरों की मानें तो राज्य में यह पहला मौका है, जब किसी महिला की आवाज रिश्वतखोरी के विरुद्ध उठी। प्रतिमा खुद काफी सजग हैं। उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों को भी सूचना दी व मिश्रा से फोन पर रिश्वत को लेकर हुई बातचीत भी रेकार्ड कर ली थी।