आम के 42 हजार पेड़ों पर छिड़काव शुरू
जागरण संवाददाता, विकासनगर: सहसपुर, कालसी व विकासनगर ब्लाकों के आम उद्यानों में इस बार करीब 42 हजार पेड़ों में घुंडी कीट के प्रकोप को देखते हुए वैज्ञानिकों ने अपने मार्गदर्शन में छिड़काव शुरू करा दिया है। वैज्ञानिकों ने आम बागवानों को सलाह दी कि वर्तमान में कीटों के घुंडी से बाहर निकलने के कारण छिड़काव का सबसे उपयुक्त समय है।
कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिकों ने हर वर्ष आम की फसल को घुंडी कीट से सर्वाधिक नुकसान को देखते हुए सर्वे किया था। तीनों ब्लाकों में घुंडी कीट के प्रकोप से करीब 12 सौ हेक्टेयर में फैले आम के बगीचे प्रभावित पाए गए। कीट के कारण उत्पादन न प्रभावित हो, इसलिए केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसएस सिंह, मृदा वैज्ञानिक डॉ. संजय सचान ने फरवरी से अब तक अभियान चलाकर घुंडी कीट से होने वाले नुकसान के बारे में बागवानों को उपाय बताए। वैज्ञानिकों ने बागवानों को बताया कि जिस समय घुंडी से कीट बाहर निकलें, तुरंत छिड़काव शुरू कर दें। घुंडी कीट पर नियंत्रण के लिए छिड़काव का यह उपयुक्त समय है। वैज्ञानिक डॉ. एसएस सिंह ने कहा कि आम बागवान घुंडी का प्रकोप रोकने के लिए प्रोफेनोफास की दो मिली. मात्रा प्रति लीटर और थायोमिथेक्साम की एक मात्रा प्रति लीटर पानी में व स्टीकर एक मिली. प्रति लीटर पानी में एक साथ घोल बनाकर पहला छिड़काव चार पांच दिनों के भीतर करें। दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद करें, जिससे कीट पर शत प्रतिशत नियंत्रण हो जाएगा। वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने कहा कि यदि घुंडी कीट का प्रकोप न हो तो एक पेड़ से 10-12 फल ही मिल पाते हैं, जबकि स्वस्थ आम के एक पेड़ से तीन से पांच कुंतल तक फल मिलते हैं।