दो घंटे ठप रहा चीला में विद्युत उत्पादन
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
पहाड़ों में लगातार हो रही वर्षा के कारण गंगा उफान पर है और गंगा में सिल्ट व बोल्डर आने का सिलसिला जारी है। बैराज में एकत्र हो रही सिल्ट चीला जलविद्युत परियोजना के लिए नुकसान का कारण बन रही है। मंगलवार को बैराज से सिल्ट निकालने के लिए की गई फ्लैसिंग से चीला में दो घंटे तक उत्पादन ठप रहा।
चार दिन बाद ही मंगलवार को एक बार फिर बैराज में फ्लैसिंग की नौबत आ गई। सोमवार को ही बैराज में सिल्ट भरने के कारण बैराज नहर का डिस्चार्ज घट गया था। जिसका असर यह हुआ कि चीला जलविद्युत गृह में सोमवार सायं उत्पादन घट कर 92 मेगावाट रह गया था। मंगलवार सुबह तक उत्पादन और भी कम हो गया। जिसके बाद दस बजे से बारह बजे तक बैराज में सिल्ट निकालने के लिए फ्लैसिंग की गई। दो घंटे की फ्लैसिंग के पश्चात नहर की पाउंडिंग के बाद अपराह्न एक बजे चीला में विद्युत उत्पादन शुरू हो गया था और सायं चार बजे तक 135 मेगावाट विद्युत उत्पादन प्राप्त कर लिया गया था। अभी भी गंगा में सिल्ट आने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को गंगा में 1640 पीपीएम सिल्ट रेकॉर्ड की गई। जो आने वाले दिनों में भी उत्पादन को प्रभावित करने के संकेत है।
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गंगा ने पार की चेतावनी रेखा
ऋषिकेश: मंगलवार को गंगा ने ऋषिकेश में एक बार फिर चेतावनी रेखा को पार कर दिया। मंगलवार रात को पहाड़ों में विभिन्न क्षेत्रों में जमकर वर्षा हुई। जिसके बाद गंगा की सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई। मंगलवार को ऋषिकेश में गंगा के जलस्तर में सुबह से ही वृद्धि होने लगी थी। जिससे सायं छह बजे गंगा चेतावनी रेखा 339.50 मीटर को पार गई। हालांकि इसके बाद जलस्तर घटने लगा था जो आठ बजे छह सेंटीमीटर कम हो गई थी। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को पहाड़ों में वर्षा कम होने के कारण नदियों का जलस्तर घटने लगा था। मंगलवार को उच्चतम स्तर के समय गंगा का डिस्चार्ज 3389.19 क्यूमेक्स दर्ज किया गया। गंगा के लगातार उफान के कारण गंगा के तटीय इलाके खतरे की जद में आ गए हैं।
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