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पहाड़ दरकने से सैंज गांव का अस्तित्व खतरे में

By Edited By: Published: Mon, 24 Jun 2013 08:26 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2013 06:23 AM (IST)
पहाड़ दरकने से सैंज गांव का अस्तित्व खतरे में

जागरण प्रतिनिधि, त्यूणी: पर्वतीय क्षेत्र जौनसार-बावर के ऊंचाई पर बसे कुछ गांवों में बारिश का कहर जारी है। भूस्खलन की जद में आए सैंज-तराणू गांव के नीचे तीन सौ मीटर लंबी व एक फुट चौड़ी दरार आने से 40 परिवारों का अस्तित्व खतरे में है। सहमे लोग गांव छोड़कर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में जुटे हैं। स्थानीय प्रशासन ने आपदा प्रभावित सैंज-तराणू गांव को खाली कराने के निर्देश दिए हैं।

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तहसील मुख्यालय से 35 किमी दूर सैंज-तराणू गांव का अस्तित्व खतरे में है। बारिश के चलते दो दिनों में पहाड़ी पर बसे इस गांव के नीचे तीन सौ मीटर लंबी और एक से डेढ़ फुट चौड़ी दरार आ गई है। इससे 40 परिवारों पर आपदा का खतरा मंडराने लगा है। सैंज-तराणू प्रधान चंडी प्रसाद शर्मा व पूर्व प्रधान प्रेमचंद शर्मा ने कहा कि दो दिन में कानचंद व नागचंद के मकान के पास पहाड़ दरकने से हो रहे भूस्खलन के चलते पूरे गांव को खतरा पैदा हो गया है। यदि इसी तरह लगातार बारिश होती रही तो गांव का अस्तित्व ही मिट जाएगा। बरसात के कहर से सहमे कुछ ग्रामीण गांव छोड़ सुरक्षित ठिकाने की तलाश में भटक रहे हैं। आपदा प्रभावित ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से भूस्खलन की जद में आए सैंज-तराणू गांव का अस्तित्व बचाने को जल्द सुरक्षा कार्य कराने की मांग की है। स्थानीय प्रशासन ने भारी बरसात होने पर भूस्खलन के चलते सैंज-तराणू गांव को पैदा हुए खतरे की आशंका को देख ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

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सैंज-तराणू गांव के नीचे पहाड़ी दरकने से भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है। इसके चलते ग्रामीणों को गांव खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। इस बारे में राजस्व निरीक्षक त्यूणी व क्षेत्रीय पटवारी अणू क्षेत्र को प्रभावित ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

-मोहन सिंह बर्निया, एसडीएम चकराता

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