काश! वो दोबारा जाने की जिद ना करती
अंकित कुमार, देहरादून: 'काश! वो दोबारा जाने की जिद न करती तो आज हमारे साथ होती। अब पत्नी के बगैर क्या मुंह लेकर वापस जाऊंगा।' केदारनाथ में आई आपदा में पत्नी के लापता होने के बाद जब आंध्र प्रदेश निवासी श्रीनिवास राव ने जिलाधिकारी को आपबीती सुनाई तो माहौल गमगीन हो गया।
आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा क्षेत्र के मछली पसमा निवासी श्रीनिवास राव अपने साथी दुर्गा प्रसाद व छह वर्षीय बेटी सुधा के साथ सोमवार को पुलिस लाइन पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम को बताया कि वे 30 लोगों के दल के साथ सात जून को केदारनाथ के दर्शन को निकले थे। गौरीकुंड पहुंचे तो पता चला डांडी (पालकी) वालों की हड़ताल है। पत्नी हेमलता पहाड़ पर पैदल चलने में असमर्थ थी, जिस पर वह दर्शन नहीं कर सकी। शेष हम सब लोगों ने दर्शन किए और ऋषिकेश वापस आ गए। जब हम ऋषिकेश पहुंचे तो पता चला कि पालकी वालों की हड़ताल खत्म हो गई है। यह सुनकर पत्नी हेमलता वापस केदारनाथ के दर्शन करने की जिद करने लगी। उसे काफी समझाया, लेकिन वो नहीं मानी। अंत में उसकी जिद के आगे मैने भी हार मान ली। 15 जून को हम दोबारा ऋषिकेश से दर्शन को केदारनाथ निकल पड़े। 16 जून को जब हम दर्शन करके लौट रहे थे, तभी रास्ते में तेज बारिश शुरू हो गई। जिस पर हम तो कुछ आगे निकल गए, लेकिन हेमलता एक होटल के पास आराम करने बैठ गई। इतने में पहाड़ का एक हिस्सा आकर गिरा, जिससे हम तो बच गए, लेकिन हेमलता का अभी तक कहीं कोई पता नहीं है। उसके बगैर वापस आने की इच्छा तो नहीं थी, लेकिन अपनी छह वर्षीय बच्ची के लिए वहां से निकलना मजबूरी हो गई। अब पत्नी हेमलता के बगैर वापस किस मुंह से लौटूंगा। पुलिस लाइन में बैठे श्रीनिवास राव बस केदारनाथ बाबा से यहीं दुआ कर रहे हैं कि उनकी पत्नी सही सलामत वापस लौट आए।
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