ताकि आंसू न निकाल सके प्याज
चम्पावत : महंगाई की चरम सीमा को पार कर प्याज आम आदमी के आंसू न निकाल सके, इसके लिए भारत सरकार ने पूर
चम्पावत : महंगाई की चरम सीमा को पार कर प्याज आम आदमी के आंसू न निकाल सके, इसके लिए भारत सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इसी रणनीति के तहत किसानों को बेहतर किस्म की प्याज के पौधे निशुल्क वितरित किए जा रहे हैं। अब तक जिले में 25 लाख पौधे बाटे जा चुके हैं, जबकि लक्ष्य 60 लाख पौध बांटने का है।
प्याज की कीमतें बढ़ने से केंद्र सरकार की नींद हराम हो जाती है। क्योंकि एक बार प्याज ने सरकार बदलने में अहम रोल अदा किया था। शायद इस बार ऐसा न हो सके। प्याज की कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने ठोस पहल की है। केंद्रीय कृषि मंत्रलाय ने हॉर्टिकल्चर मिशन फॉर नार्थ ईस्ट हिमालयन स्टेट (एचएमएनईएच) के तहत किसानों को नि:शुल्क बीज व पौधे वितरित करने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में जिले के कुछ किसानों को बीज दिया गया। वहीं अब कुछ किसानों को उद्यान विभाग के माध्यम से तैयार किए गए पौधे वितरित किए जा रहे हैं।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. एचसी तिवारी ने बताया कि जिले को 120 किलो बीज प्राप्त हुआ था। कुछ बीज किसानों को बांट दिया गया था, जबकि कुछ के पौधे तैयार किए गए। चम्पावत, मुड़िया, खतेड़ा, पाटन व दिगालीचौड़ नर्सरी में लगभग 60 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। अब तक चम्पावत, सूखीढांग, खेतीखान, देवीधूरा, पाटी क्षेत्र के किसानों को करीब 25 लाख पौध वितरित कर दिए गए हैं। जल्द ही लोहाघाट क्षेत्र के किसानों को भी पौध का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। डॉ. तिवारी ने बताया कि उत्तराखंड की प्याज जून जुलाई में तैयार हो जाती है। उस वक्त प्याज के दाम सबसे अधिक होते हैं। किसानों को पांच नाली भूमि में प्याज लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वह स्थानीय मंडी के साथ ही बाहर ले जाकर भी प्याज बेच सकें। अगर ठीक ठाक उत्पादन हुआ तो प्याज की कीमत पर लगाम लगाई जा सकेगी। इतना ही नहीं किसानों को बीज तैयार करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। इसको लेकर जल्द ही एक सेमीनार भी आयोजित किया जाएगा। प्याज की पौध नि:शुल्क पाकर काश्तकार भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि बाजार में निजी पौध उत्पादक 25 से 30 गड्डी की दर से पौधे बेच रहे हैं।