एंबुलेंस को तो नही शराब बेचने को दे दी गाड़ी
जागरण संवाददाता, चम्पावत: सरकार लोगों के प्रति कितनी संवेदनशील है यह पुल्ला क्षेत्र में दिखाई देत
जागरण संवाददाता, चम्पावत: सरकार लोगों के प्रति कितनी संवेदनशील है यह पुल्ला क्षेत्र में दिखाई देता है। जहां महिलाओं ने दशकों तक आंदोलन कर शराब की दुकान तो बंद करवा दी। लेकिन सरकार ने राजस्व के नुकसान भरपाई के लिए नायाब तरीका निकाला। उसने महिलाओं के आंदोलन को मुंह चिढ़ाते हुए क्षेत्र में गाड़ी में रखकर शराब बेचनी शुरू कर दी।
लम्बे समय तक पुल्ला क्षेत्र में शराब विरोधी आंदोलन चला। शराब के कारण यहां कई असमय काल के ग्रास बन गए। महिलाओं ने शराब को लेकर यहां आंदोलन चलाया। आखिर में उनके आंदोलन की जीत हुई। पुल्ला क्षेत्र में शराब की दुकान 2012 में बंद कर दी। लेकिन पुल्ला में शराब की दुकान से सरकार की काफी कमाई होती थी। वह इस राजस्व घाटे से उभरना चाहता था। इसके लिए उसने नायाब तरीका निकाला। उसने चलती फिरती शराब की दुकान खोल दी। यह गाड़ी पुल्ला रोड पर गंगनौला के पास खड़ी होती। जहां से पीने वालों की हर डिमांड पूरी होती है। हर दिन गाड़ी आती है और इस मारूति वैन में शराब रखकर चले जाती है। दो सेल्समैन यह चलती फिरती शराब की दुकान चलाते है। पुल्ला के आंदोलन का असर चौमेल क्षेत्र में भी हुआ। लोगों के आंदोलन के बाद 2016 में आबकारी विभाग को यहां की शराब की दुकान बंद करनी पड़ी। यहां दुकान बंद होने के बाद आबकारी विभाग ने भिगराड़ा में शराब की दुकान खोली।
अप्रैल से नही गाड़ी में नही बिकेगी शराब
नए नियमों के अनुसार राष्ट्रीय व राजकीय मार्गो पर 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकान नही खुल पाएगी। आबकारी विभाग अब सड़क किनारे गाड़ी में शराब रखकर नही बेच सकता है।
- सरकार की इस प्रकार की नीति से उसकी मंशा साफ जाहिर हो जाती है। सरकार को लोगों की समस्या से कोई सरोकार नही है। अगर होता तो लोगों के आंदोलन के बाद इस तरह गाड़ियों के जरिए शराब नही बांटी जाती। इसके लिए भी आंदोलन चलाया जाएगा।
जिला प्रभारी, महिला समाख्या, भगवती पांडे
पुल्ला-किमतोली मार्ग पर एक नियम स्थान पर गाड़ी के जरिये शराब बिकती है। वह किसी दूसरे स्थान पर नही जाती है। लगभग चार वर्षो से गाड़ी के जरिए शराब बिक रही है। - भरत प्रसाद, आबकारी इंसपेक्टर