पंचेश्वर घाट पर गंदगी का अंबार
संवाद सहयोगी, चम्पावत : पांच नदियों के संगम स्थल पंचेश्वर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मुख्य घाट क
संवाद सहयोगी, चम्पावत : पांच नदियों के संगम स्थल पंचेश्वर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मुख्य घाट के किनारे शवों की अधजली लकड़ियां और कपड़े बिखरे रहते हैं।
पंचेश्वर पांच नदी काली, गोरी, धौली, सरयू और रामगंगा का संगम स्थल है। उत्तरायणी, मकर संक्रांति, पूर्णिमा आदि पर्वो पर श्रद्धालु यहां स्नान करने के लिए आते हैं। पंचेश्वर को स्नान के लिहाज से बेहद पवित्र स्थान माना गया है। देव डंगरियों के स्नान, अपने ईष्ट देव की पूजा, गृह स्थापना आदि विशेष कामकाज और अनुष्ठान संपन्न करने से पूर्व पुरोहित और यजमान पंचेश्वर में स्नान करते हैं। तब जाकर विधि विधान से कामकाज संपन्न करते हैं।
पंचेश्वर नदी के किनारे ही शवदाह क्रिया करने के लिए घाट बनाया गया है। इस घाट पर पंचेश्वर क्षेत्र से लगे गांव पंथ्यूड़ा, खाईकोट, विविल, निडिल, सिलिंग, चौकता, डुंगडाई, डुपड़ा, सेल सल्ला आदि गांवों के लोग शव के दाह संस्कार के लिए पंचेश्वर नदी के संगम पर आते हैं। यहीं पर पंचेश्वर क्षेत्र का प्रसिद्ध शिव मंदिर की स्थापित है। संगम स्थल पर घाट के किनारे गंदगी का आलम है। शवदाह के बाद शवों की अधजली लकड़ियों और कपड़ों का ढेर घाट के किनारे लगा हुआ है। जिसे सरयू नदी दूषित हो रही है। चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले को विभाजित करने वाली सरयू नदी से लगे गांव के लोग यहां शवदाह के लिए आते हैं।