भावना अब कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में पढ़ेगी
मिड डे मील के लिएउसी कक्षा में प्रवेश लेने को मजबूर छात्रा भावना अब कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय टनकपुर में पढ़ाई करेगी।
चंपावत, [जेएनएन]: गरीबी की वजह से कक्षा पांच उत्तीर्ण करने के बावजूद उसी कक्षा में प्रवेश लेने को मजबूर भावना अब कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय टनकपुर में पढ़ाई करेगी। दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। भावना के लिए विद्यालय में कक्षा छह में सीट रिजर्व कर दी गई है। दो-तीन दिन में उसे प्रवेश दे दिया जाएगा।
भारत-नेपाल सीमा के अंतिम गांव खेत में स्थित प्राइमरी स्कूल की छात्रा भावना ने इसी वर्ष पांचवी कक्षा उत्तीर्ण की थी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से परिवार उसको आगे पढ़ाने में असमर्थ है। परिजनों ने उसे दोबारा कक्षा पांच में ही प्रवेश देने की गुहार स्कूल के प्रधानाध्यापक से लगाई थी।
भावना की मां गोविंदी देवी ने बताया था कि उसका परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। वह अपनी बच्ची को आगे शिक्षा नहीं दिला सकती। बेटी को आगे की पढ़ाई के लिए 27 किमी दूर टनकपुर अथवा 50 किमी दूर चम्पावत जाना पड़ेगा। वहां शिक्षा की व्यवस्था तो निश्शुल्क हो जाएगी लेकिन रहने-खाने पर बहुत खर्च होगा जो उनके बूते की बात नहीं है। यहां प्राइमरी पाठशाला में खाना भी मिल जाता है। ऐसे में भावना को दोबारा कक्षा पांच में प्रवेश मिल जाए तो वह पढ़ती रहेगी और खाना भी मिलेगा।
दैनिक जागरण ने इस प्रकरण को सोमवार के अंक में 'पेट की भूख मिटाने को मांगा दोबारा दाखिला' शीर्षक के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया था। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने खबर का संज्ञान लेते हुए भावना का प्रवेश टनकपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कक्षा छह में कराने के निर्देश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। निर्देश मिलने के बाद डीइओ ने खेत गांव में पढ़ाने वाले शिक्षामित्रों को भावना के घर भेजा। साथ ही उसके पिता सोबन सिंह से फोन पर वार्ता की।
उधर, चंपावत जिले के डीईओ बेसिक सत्यनारायण का कहना है कि निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। दूरभाष पर निर्देश दिए हैं कि भावना को कक्षा छह में प्रवेश दिलाया जाए। भावना के लिए वहां सीट रिजर्व कर दी गई है।
यह भी पढ़ें: भोजन के लिए चाहिए 5वीं में फिर से दाखिला
यह भी पढ़ें: इस महिला ने हाथों में हल उठाकर बदली खेती की तस्वीर
यह भी पढ़ें: खच्चर से सामान ढोकर पुरुषों को टक्कर दे रही सुनीता