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पूर्णागिरि धाम में रोप-वे की कवायद तेज

दिनेश अवस्थी, चम्पावत : उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लि

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 01:01 AM (IST)
पूर्णागिरि  धाम में रोप-वे की कवायद तेज
पूर्णागिरि धाम में रोप-वे की कवायद तेज

दिनेश अवस्थी, चम्पावत : उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ठूलीगाड़-पूर्णागिरि रोप-वे बनाए जाने की कवायद तेज होने लगी है। हनुमान चट्टी के पास लोवर टर्मिनल प्वाइंट बनाने के लिए जगह चयनित की गई है। यदि मां की कृपा हुई और सरकार ने दिलचस्पी दिखाई तो कुछ समय बाद श्रद्धालुओं को मां के धाम पहुंचने में आसानी हो जाएगी।

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मां पूर्णागिरि के दर्शनों को जाने वाले भक्तों की समस्या को देखते हुए तथा धाम में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत ने 15 जून 2015 को 35 करोड़ की लागत से बनने वाले ठूलीगाड़-पूर्णागिरि रोप-वे परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी को निवेशक कंपनी बनाया गया था। काफी समय तक परियोजना का कार्य अधर में लटका रहा। अब नई सरकार बनने के बाद पूर्णागिरि में रोप-वे का सपना साकार होने की उम्मीद जग गई है। इस संबंध में बीते दिन एसडीएम टनकपुर अनिल कुमार चन्याल की अध्यक्षता में पूर्णागिरि रोपवे प्रोजेक्ट लि. दिल्ली के प्रतिनिधि निखिल कुमार आनंद, विधायक प्रतिनिधि शत्रुघ्न कोठारी, पर्यटन विभाग के खीमानंद जोशी की बैठक हुई। इसमें निवेशक कंपनी की ओर से पूर्णागिरि रोपवे टर्मिनल स्टेशन ठुलीगाड़ के पास पार्किंग के लिए अतिरिक्त भूमि की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया गया। इसमें पर्यावरण क्लीयरेंस, फिजिबिलिटी आदि पर भी चर्चा की गई। निवेशक कंपनी की ओर से रोपवे के लिए वित्तीय व्यवस्था करने के संबंध में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को पत्र भेजा गया है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में इसकी लागत करीब 70 करोड़ से भी अधिक पहुंच गई है। श्रद्धालुओं के साथ ही क्षेत्र के लोगों को भी लंबे समय से पूर्णागिरि में रोप-वे का इंतजार है। बहरहाल अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार इसमें कितना दिलचस्पी दिखाती है।

संयुक्त निरीक्षण एक मई को

चम्पावत : हनुमान चट्टी के पास वाहनों की पार्किंग के लिए एक हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। उप जिलाधिकारी टनकपुर अनिल कुमार चन्याल ने जमीन के संयुक्त निरीक्षण के लिए जिला पर्यटन विकास अधिकारी, एसडीओ वन व तहसीलदार की टीम का गठन किया है। यह टीम संयुक्त रूप से एक मई को जमीन का निरीक्षण कर प्रशासन को रिपोर्ट सौंपेगी।

रोप-वे निर्माण को पूर्णकालिक लायजनिंग आफिसर की नियुक्ति के लिए पर्यटन निदेशालय को पत्र भेजा गया है। निवेशक कंपनी ने तीन माह में कार्य शुरू कराने का भरोसा दिलाया है। राजेंद्र सिंह ऐरी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी


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