गुलाब की खुशबू से महक रही चंपा वैली
संवाद सहयोगी, चम्पावत : चंपा वैली इन दिनों रंगबिरंगे गुलाब की खुशबु से महक रही है। खेतों व घरों क
संवाद सहयोगी, चम्पावत : चंपा वैली इन दिनों रंगबिरंगे गुलाब की खुशबु से महक रही है। खेतों व घरों के आंगन में खिले गुलाब के फूल प्रकृति की अनूठी छठा बिखेर रहे हैं। बावजूद इसके इसके व्यावसायिक उत्पादन और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कोई कारगर नीति नहीं है।
चम्पावत में अमूमन हर घर के आंगन में इन दिनों लाल, पीले, गुलाबी, डार्क लाल रंग के गुलाब बहुतायत मात्रा में खिले हैं। इन खूबसूरत फूलों को देखकर हर कोई मोहित हो रहा है। प्रकृति में इन गुलाबों की खुशबु भी महक रही है। यहां का वातावरण भी गुलाब के लिए बेहद अनुकूल है। बावजूद अभी तक इसके व्यावसायिक उत्पादन में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यदि आलू के खेतों के किनारे या अन्य जगहों पर इसका व्यावसायिक उत्पादन किया जाए तो युवाओं को घर बैठे अच्छा रोजगार मिल सकता है। शादी के सीजन में गुलाब के फूलों की मांग काफी बढ़ जाती है। इस गुलाब की प्रजाति के खिलने का भी यही समय है। अभी तक उद्यान महकमे का ध्यान भी इस ओर नहीं गया है। गुलाब के इन फूलों से गुलकंद, गुलाब जल बनाने के साथ ही हवन सामग्री में भी इनकी पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। अप्रैल में चंपा वैली में खिला यह गुलाब क्रीपर रोज है। इसमें भी पर्याप्त मात्रा में अरोमा होता है। बावजूद इसके गुलाब के इन फूलों का कोई प्रयोग नहीं हो पा रहा है।
गुलाब की यह प्रजाति क्रीपर रोज है। यह सिर्फ अप्रैल में ही खिलता है। इसमें भी अरोमा होता है जो गुलकंद, गुलाब जल बनाने के काम आता है। व्यावसायिक उत्पादन के लिए बुल्गेरियन प्रजाति है। अभी इसका उत्पादन यहां नहीं हो रहा है। एचसी तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी