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पशुपालन के प्रति कम हो रहा रूझान

संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिले में ग्रामीणों का रूझान पशुपालन व खेती की ओर लगातार कम होते जा रहा है

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 10 Apr 2017 01:01 AM (IST)
पशुपालन के प्रति कम हो रहा रूझान

संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिले में ग्रामीणों का रूझान पशुपालन व खेती की ओर लगातार कम होते जा रहा है। लेकिन अब गांवों से पलायन की मार इन परंपरागत व्यवसायों में पड़ी है। जिससे पशुपालन का क्रेज घटते जा रहा है।

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जिले के अधिकांश गांवों में पिछले सात-आठ वर्ष पूर्व भैंस व बकरी पालन के प्रति लोगों का रुझान काफी अधिक था। भैंस की देखरेख अधिक होने व उसे पालने में आने वाली अधिक लागत तथा चारा कम होने से अब लोगों ने इन्हें पालना काफी कम कर दिया है। इससे दूध उत्पादन पर भी असर पड़ा है। भैंस पालन की उपेक्षा ग्रामीणों का रुझान संकर नस्ल की गायों के प्रति बढ़ा है। इससे दूध की कमी जिले में नहीं है। पिछले 10 वर्षो में संकर नस्ल की गायों में कृत्रिम गर्भाधान 10 गुना तक बढ़ा है। बकरी पालन के प्रति भी लोगों का मोह कम हो रहा है। पूर्व में जिले में 65 हजार बकरियां थी लेकिन अब यह 50 हजार ही रह गई हैं।

जिले में पशुओं की स्थिति

स्थान संकर नस्ल देशी भैंस

चम्पावत 6422 16284 5302

लोहाघाट 12249 18791 7498

पाटी 1313 19050 5644

पूर्णागिरि 2246 15202 4688

कुल 22230 69329 23132

चारा कम होने से पशुपालन की ओर रुझान कम हो रहा है। पशुपालक संकर नस्ल को पंसद कर रहे हैं। कृत्रिम गर्भाधान जिले में पिछले 10 वर्षो में 10 गुना बढ़ा है। पशुपालकों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है।

पीएस भंडारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी


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