तंबाकू सेवन मतलब, मौत को दावत
जागरण संवाददाता, चम्पावत: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला आयोजित हुई। इसमे
जागरण संवाददाता, चम्पावत: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य को नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया। विशेषज्ञों ने तंबाकू सेवन का मतलब, मौत को दावत कहा।
तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी डॉ. अहमद इकबाल ने किया। मौके पर विषय विशेषज्ञों ने बताया कि तंबाकू के सेवन से सबसे अधिक मौतें भारत में हो रही है। और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर समय रहते इस धीमे जहर को नही खत्म किया गया तो भयावह स्थितियां होंगी। उन्होंने कहा कि भारत में बीड़ी और चबाने वाले तंबाकू का सेवन सबसे अधिक होता है। 9 प्रतिशत लोग धूम्रपान, 21 प्रतिशत सूंघने, चबाने वाले तंबाकू और 5 प्रतिशत लोग दोनों का सेवन करते है। जिलाधिकारी डॉ. अहमद इकबाल ने कहा कि जन जागरूकता से ही इस तंबाकू जैसे जहर को समाज से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने समाज के हर वर्ग से इसके खात्मे के लिए एकजुट होने की अपील की है। मौके पर बेटी बचाओ अभियान, तंबाकू निषेध कार्यक्रम चलाने वाले शिक्षक सामश्रवा, त्रिलोचन जोशी आदि को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सीएमओ डॉ. डीएल साह, एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत सहित एनआरएचएम के कर्मी मौजूद थे।
अर्थदंड और जेल का नियम
चम्पावत: तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपया जुर्माना, तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर एक हजार जुर्माना व जेल दोनों, 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को तंबाकू बेचने पर दो सौ रुपया जुर्माना है। तंबाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी न लिखने पर 5 हजार जुर्माना व जेल का प्रावधान है।
कैंसर के अलावा तंबाकू से बीमारी
अल्जाइमर
सांस की बीमारी
अंधापन
ब्रानकाइटिस
पलमनरी रोग
स्ट्रोक
हृदयवाहिनी रोग
जुकाम
बर्जर रोग
याददाश्त कमी
नपुंसकता
वाता स्फीति
पैरीफिरल वैस्क्यूलर रोग
शरीर में जा रहा खतरनाक रसायन
अमोनिया
कार्बन मोना आक्साइड
नेपथलिन
टार
आरसेनिक
हाइड्रोजन साइनाइड
निकोटिन
रेडियोधर्मी पदार्थ
कैडमियम
लाइम
सीसा
एरेकानट
फार्मलडिहाइड