टिनशेड में चल रहा हाईस्कूल बिरगुल
संवाद सहयोगी, चम्पावत : राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरगुल की स्थिति दयनीय है। टिनशेड में संचालि
संवाद सहयोगी, चम्पावत : राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरगुल की स्थिति दयनीय है। टिनशेड में संचालित होने वाली कक्षाओं में बारिश के दौरान छत से पानी टपकता है। जिसका असर पठन कार्य पर पड़ता है। विद्यालय में फर्नीचर का भी अभाव बना हुआ है। ग्रामीणों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेज कार्रवाई की मांग उठाई है।
वर्ष-1978 में जूनियर हाईस्कूल के रूप में बिरगुल में इस विद्यालय की नींव पड़ी और तब से यह टिनशेड में ही संचालित हो रहा है। वर्ष-2004 में हाईस्कूल की मान्यता मिलने के बाद भी विद्यालय के भवन में कोई बदलाव नहीं हुआ और आज भी हाईस्कूल की कक्षाएं 1978 में स्थापित भवन की कक्षाओं में ही संचालित हो रही हैं। अभिभावकों ने बताया कि भवन पुराना होने से काफी दिक्कतें आती हैं और बारिश के दौरान तो छत टपकती है। जिस कारण पढ़ाई प्रभावित रहती है। एसएमसी व पीटीए द्वारा बैठक में कई बार नए भवन और प्रयोगशाला निर्माण का प्रस्ताव पारित कर शिक्षा विभाग को भेजा जा चुका है, लेकिन वह रूचि नहीं ले रहे हैं। कहा कि चाहरदीवारी न होने से आवारा जानवर व असामाजिक तत्व विद्यालय में घुसकर हानि पहुंचा रहे हैं। वहीं, विद्यालय में पर्याप्त फर्नीचर भी नही है। प्रयोगशाला न होने से हाईस्कूल के विद्यार्थियों को दिक्कतें पेश आती हैं। बैठक में एसएमसी अध्यक्ष महेश सिंह, पीटीए अध्यक्ष शोबन सिंह, उपाध्यक्ष राजेश कुमार, सचिव प्रेम पाल, ललित मोहन जोशी, झूपा देवी, महेश राम, ऊषा देवी, शिवराज सिंह, डुंगर सिंह, भगवान राम, कुंदन राम, नवीन महराना, लक्ष्मी देवी, देवकी देवी आदि मौजूद रहे।
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प्रधानाचार्य के साथ ही शिक्षकों का टोटा
चम्पावत : हाईस्कूल बिरगुल में वर्तमान में एलटी में तीन और जूनियर में एक ही अध्यापक कार्यरत हैं। जबकि प्रधानाचार्य के साथ ही एलटी में गणित, विज्ञान, हिंदी, संस्कृत के अलावा कनिष्ठ सहायक व परिचारक का पद रिक्त है। शिक्षकों की कमी के कारण जहां पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। वहीं, कनिष्ठ सहायक न होने से विद्यालय के प्रशासनिक क्रियाकलाप प्रभावित हो रहे हैं।