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मोक्षदायिनी है श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ

बनबसा : चंदनी के शिव मंदिर में श्रीमदभागवत कथा जारी है। दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य पं.दिगंबर दत्त कलौ

By Edited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 07:15 PM (IST)
मोक्षदायिनी है श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ

बनबसा : चंदनी के शिव मंदिर में श्रीमदभागवत कथा जारी है। दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य पं.दिगंबर दत्त कलौनी ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता मोक्षदायिनी है। इसकी तुलना अन्य किसी ग्रंथ नही की जा सकती। भागवत कथा को निरंतर सुनने से व्यक्ति का कल्याण होता है और वह लौकिक परलौकिक दोनो सुखों को भोगने का पात्र बन जाता है। दूसरे दिन उन्होने विष्णु भगवान के रामअवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि राम ने अवतार लेकर धरती पर पुन: मानवीय मूल्यों एवं मर्यादा की स्थापना की ताकि मानव जाति उनके बताये मार्ग पर चलकर अपना जीवन धन्य कर सके। उन्होंने अपने क्रियाकलापों से साबित किया कि पुत्र का पिता के प्रति, भाई का भाई के प्रति, राजा का प्रजा के प्रति, एक राजा का दूसरे राजा के प्रति किस तरह का व्यवहार होना चाहिए। समानता के मामले मे उन्होने अपने जीवन काल में ही अपने राज्य को आठ हिस्सों में बांट दिया था। यह धारणा खत्म की किसी राजा के बाद उसका ज्येष्ठ पुत्र ही उसका उत्तराधिकारी होगा। इस अवसर पर सैकड़ों भक्तजनों ने कथा का श्रवण किया।


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