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चौड़ीकरण को लेकर वन विभाग नहीं ले रहा रुचि

संवाद सूत्र, बनबसा : सितारगंज से टनकपुर तक एनएच चौड़ा होना है। लेकिन, वन विभाग की उदासीनता भारी पड़

By Edited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 07:13 PM (IST)
चौड़ीकरण को लेकर वन विभाग नहीं ले रहा रुचि

संवाद सूत्र, बनबसा : सितारगंज से टनकपुर तक एनएच चौड़ा होना है। लेकिन, वन विभाग की उदासीनता भारी पड़ने से इसमें देरी के आसान नजर आ रहे हैं। चौड़ीकरण को लेकर वन महकमा बिजली पोल हटाने और पेड़ कटान के कार्य में रुचि नहीं ले रहा है। वर्तमान में एनएच की हालत बेहद दयनीय है। जगह-जगह बने गढ्डे दुर्घटना को दावत दे रहे हैं।

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बनबसा-टनकपुर तक 11 किमी लंबे राजमार्ग पर वर्तमान में मार्ग निर्माण की परिधि में सैकड़ों पेड़, विद्युत लाइन एवं जल निगम की पेयजल लाइनों को राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं हटाए जाने से सड़क निर्माण की गति जोर नहीं पकड़ पा रही है। एनएच के सीनियर इंजीनियर गनपत ने बताया कि सितारगंज से टनकपुर तक चल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बतया कि सितारगंज से जगबूढ़ा पुल तक निमार्ण कार्य मार्च 2016 तक पूरा कर लिया जायेगा। लेकिन, बनबसा-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के इस अवधि मे पूरे होने के आसार कम है। हवाला दिया कि विद्युत विभाग, जल निगम तथा वन विभाग द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन विभागों द्वारा सहयोग दिए जाने के बाद ही चौड़ीकरण में तेजी आ सकेगी। जिले में होने वाले हर विकास कार्य की निगरानी का कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। यहा स्थिति यह है कि जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में काई कार्यवाही न किए जाने से जनता की परेशानी बढ़ रही है। जिससे बनबसा, टनकपुर क्षेत्र की जनता मे गहन रोष है।

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तालमेल का अभाव मुख्य वजह

बनबसा : एनएच और राज्य सरकार की इकाईयों के बीच तालमेल के अभाव का खामियाजा टनकपुर बनबसा की जनता को भुगतना पड़ रहा है। हालत यह है कि तालमेल के अभाव के चलते सड़क निर्माण में तेजी नहीं आ पा रही है। पुरानी सड़क जर्जर हाल में है। जिसमें वाहनों चलना मुश्किल हो गया है। परिणाम स्वरूप इस मार्ग अभी तक कई दुर्घटनाएं घट चुकी हैं।


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