डामरीकरण के बजाए पाटे जा रहे गड्ढे
संवाद सूत्र, चम्पावत : ललुवापानी-सुयालखर्क के बीच हो रहे घटिया डामरीकरण पर ग्रामीणों ने तीव्र रोष जत
संवाद सूत्र, चम्पावत : ललुवापानी-सुयालखर्क के बीच हो रहे घटिया डामरीकरण पर ग्रामीणों ने तीव्र रोष जताया है। ग्रामीणों का आरोप है कि हिलवेज कंपनी द्वारा गुणवत्ता को ताक पर गड्ढे भरकर महज खानापूर्ति के लिए डामरीकरण किया जा रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि गुणवत्ता युक्त डामरीकरण नहीं किया गया तो वह काम रोकने के साथ आंदोलन को बाध्य होंगे।
छात्रनेता मनोज तड़ागी ने बताया कि लोनिवि द्वारा ललुवापानी से सुयालखर्क के बीच डामरीकरण के लिए हिलवेज कंपनी को ठेका दिया गया है। बीते तीन-चार दिनों से इस मार्ग पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है, जो बेहद घटिया किस्म का है। सड़क में डामरीकरण के बजाए महज खानापूर्ति के लिए गड्ढों को पाटा जा रहा है। जिससे कुछ समय बाद ही उनका उखड़ना तय है। कंपनी द्वारा डामरीकरण के नाम पर की जा रही लीपापोती से ग्रामीणों में खासा रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी-नेताओं की मिलीभगत से विकास कार्य के नाम पर करोड़ों की धनराशि को किस तरह ठिकाने लगाया जाता है, यह इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
ग्राम प्रधान राजू नरियाल, त्रिलोक मौनी, उपप्रधान प्रदीप पंगरिया, महेश भट्ट आदि ने लोनिवि के अभियंता को चेतावनी दी है कि यदि मोटर मार्ग में गुणवत्तायुक्त डामरीकरण नहीं हुआ तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को विवश होंगे।
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रक्षामंत्री के सामने उठेगा मार्ग बंद करने का मामला
पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों के सार्वजनिक मार्ग बंद किए जाने का मसला केंद्रीय रक्षा मंत्री के सामने रखा जाएगा। इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के प्रयास होंगे।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि 1962 में भारत-चीन युद्घ के बाद पिथौरागढ़ में सेना इकाई की तैनाती के लिए ग्रामीणों ने अपनी भूमि दी थी। इकाई की तैनाती के बाद ग्रामीणों के पंरपरागत मार्ग बहाल रखे गए। लंबे समय बाद अब सेना द्वारा ग्रामीणों के मंदिर, गोचर पनघट आदि मार्गो को बंद किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को तमाम परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान निकालने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे। उन्होंने कहा कि सेना की कार्रवाई से स्थानीय लोगों में असंतोष पनप रहा है। सेना और स्थानीय लोगों के बीच पैदा हो रही खाई चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को रक्षा मंत्री के सम्मुख रखकर मामले का स्थायी समाधान करवाने के प्रयास करेंगे। उन्होंने रक्षा मंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है। उन्होंने कहा वे इन गांवों के प्रतिनिधियों को भी अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे।