किसानों को दगा दे गया टीडीसी का बीज
संवाद सहयोगी, चम्पावत : तराई बीज एवं विकास निगम (टीडीसी) का बीज अपनी प्रमाणिकता के लिए प्रसिद्ध है,
संवाद सहयोगी, चम्पावत : तराई बीज एवं विकास निगम (टीडीसी) का बीज अपनी प्रमाणिकता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पाटी के काश्तकारों को वह दगा दे गया। उस बीज को खरीद कर किसान अब पछता रहे हैं। क्योंकि वह घटिया निकला और धान में बालियां ही नहीं आई। ग्रामीण धान काट कर खेत खाली करने में लग गए हैं। उन्होंने मुआवजे की मांग की है।
पाटी विकास खंड का किम्वाड़ी गांव धान की फसल के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग साल भर अपने उगाए चावल ही खाते हैं। कुछ बीज तो काश्तकार घर के धान से ही बना लेते हैं, लेकिन अधिकांश बीज खरीदते हैं। इस बार उन्होंने ब्लाक से कृषि विभाग द्वारा बिक्री किया हुआ पंतनगर बीज खरीदा। ग्रामीणों ने 12-12 किलो के पांच कट्टे 17 रुपये किलो के हिसाब से खरीदे थे।
ग्रामीण तब हतप्रभ रह गए देखा कि करीब दो फुट लंबे हो चुके धान के पौधों में बालियां ही नहीं आ रही हैं। जबकि अब तक खेत धान की फसल से लकदक हो जाने चाहिए थे। यह सब देख किसान बेहद निराश हो गए हैं। उन्होंने अब खेत खाली करने के लिए बगैर बालियों वाले धान की कटाई शुरू कर दी है।
काश्तकार प्रकाश चंद्र पचौली, शशिकांत व कृष्णनाथ पचौली ने बताया कि उन्होंने पंतनगर बीज इस आशा से खरीदा था कि उत्पादन अच्छा होगा, लेकिन अब वह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वह लोग काफी मात्रा में धान लगाते हैं। सभी परिवारों के लिए लगभग साल भर के लिए चावल हो जाते थे, लेकिन इस बार एक भी दाना धान नहीं हुआ था। ग्राम जौलाड़ी के रणबहादुर मेहता ने बताया कि उनकी करीब पांच बोरी धान होती थी, लेकिन इस बार उन्हें चावल बाजार से खरीद कर खाने होंगे। किसानों ने कृषि विभाग से मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
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::::: इनसेट ===
किसानों को मुआवजे के लिए बीज के बैग व उसके टैग को संभाल कर रखना होता है। अब जब भी बीज उठाया जाएगा, सीड कंपनी से नेशनल सीड सर्टिफिकेट व बीज विकास निगम का सर्टिफिकेट देखा जाएगा।
- रामलाल, मुख्य कृषि अधिकारी