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झील निर्माण से बढ़ेगा पर्यटन

जागरण संवाददाता, लोहाघाट : वर्ष 2006 में कांग्रेस शासन से लंबित कोलीढ़ेक झील निर्माण को भू वैज्ञानिक

By Edited By: Published: Mon, 13 Apr 2015 10:41 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2015 10:41 PM (IST)

जागरण संवाददाता, लोहाघाट : वर्ष 2006 में कांग्रेस शासन से लंबित कोलीढ़ेक झील निर्माण को भू वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलने से क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्होंने राज्य सरकार से शीघ्र झील निर्माण का काम शुरू करने की मांग की है। पिछले दिनों भारतीय भू वैज्ञानिकसर्वेक्षण विभाग की टीम ने प्रस्तावित झील क्षेत्र की जांच कर उसे हरी झंडी दे दी है।

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वर्ष 2007 में तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने 25 अपै्रल 2011 को लोहाघाट दौरे में झील निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर करने की घोषणा की थी। बाद में सीएम बने बीसी खंडूडी ने भी झील स्थल का मुआयना किया था। 17.32 करोड़ की लागत से बनने वाली झील की डीपीआर वर्ष 2009 में सिंचाई विभाग ने शासन को भेजी थी। शुरूआती चरण में झील का सीमांकन आदि में ही 38 लाख रूपये की धनराशि खर्च हो गई। जल भराव क्षेत्र को लेकर तमाम आपत्तियों के निस्तारण में लंबा समय लग जाने पर सरकार ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कांग्रेस के फिर से सत्ता में आने के बाद वर्ष 2010 में झील निर्माण के लिए आवंटित पहली किश्त की बची 2.29 करोड़ की अवशेष राशि पर्यटन विभाग के खाते में डाल दी गई। तब से लेकर अब तक झील को लेकर राजनीतिक उठापटक तथा आंदोलन का दौर जारी रहा। अब जबकि भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने झील निर्माण को हरी झंडी दे दी है, पर्यटन विकास एवं रोजगार का सपना हिलोरें मारने लगा है। झील को लेकर स्थानीय लोगों ने भी लंबे समय से संघर्ष किया है। गत लोक सभा चुनाव में जनता ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया तथा दस दिनों तक धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आंदोलनकारियों को देहरादून बुलाकर उन्हें झील निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू करवाने का आश्वासन दिया। कोलीढेक झील निर्माण संघर्ष समिति ने इसके लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत का आभार जताया है।

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झील से बढे़गा पर्यटन, लोगों को मिलेगा रोजगार

लोहाघाट : कोलीढ़ेक झील बनने पर लोहाघाट नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या का समाधान होने के साथ यहां पर्यटन विकास की संभावनाएं भी काफी बढ़

जाएंगी। स्थानीय लोगों का होटल व टैक्सी व्यवसाय भी बढे़गा जिससे बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक सुलझेगी। झील की क्षमता 6.66 लाख क्यूसेक पानी संग्रहण करने की है। औसत लम्बाई 1.650 मीटर, चौड़ाई 100 मीटर तथा ऊंचाई 20 मीटर निर्धारित की गई थी।

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विधायक फत्र्याल ने की धनराशि आवंटित करने की मांग

लोहाघाट : क्षेत्रीय विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने भारतीय भू वैज्ञानिकसर्वेक्षण विभाग की टीम द्वारा कोलीढेक झील निर्माण को हरी झंडी देने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि झील बन जाने के बाद क्षेत्र के दर्जनों बेरोजगारों को रोजगार मिलने के साथ यहां की पेयजल समस्या का भी समाधान होगा। विधायक ने राज्य सरकार से झील निर्माण के लिए शीघ्र धनराशि आवंटित करने की मांग की है।

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