दीप पर्व पर 'अमावस का अंधेरा'
लोहाघाट : सरकार और विपक्ष के नेता एक-दूसरे से विकास का हिसाब मांगते नहीं थकते, उसी राज्य में कई गांव
लोहाघाट : सरकार और विपक्ष के नेता एक-दूसरे से विकास का हिसाब मांगते नहीं थकते, उसी राज्य में कई गांव अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। विकास के सपनों को सरकारी तंत्र की नाकामियों ने जकड़ा हुआ है। लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट विकास खंड के दो सौ से अधिक गांव और तोक अब भी विद्युत सुविधा से मरहूम हैं। इन गांवों में रहने वाली 15 हजार से अधिक की आबादी इस बार भी दीप पर्व पर 'अमावस का अंधेरा' नहीं मिटा पाएगी।
बिजली न होने से इन गांवों के लोग आधुनिक सुख सुविधा से वंचित हैं। आलम यह है कि अधिकांश गांव पलायन के कारण खाली हो चुके हैं। लोगों को बिजली के बारे में पता है, पर यह नहीं पता कि बिजली से घर कैसे रोशन होते हैं। अखबार के अलावा देश दुनियां की खबरों से रूबरू होना तथा मनोरंजन करने का साधन अब भी रेडियो है। विद्युत विहीन तोकों में बने स्कूलों के बच्चों ने कंप्यूटर की शक्ल तक नहीं देखी है।
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विद्युत विहीन गांव व तोक
पाटी विकास खंड
मौलनाजाख के छानीधार, जमनटाक, काली कांली, सेल्टा, गोलडांडा के पलारा, नौलियागांव, कैड़ा इजर, बिनवाल गांव के बलाना, सिधौरी, वेलना, रमक के सेला, कोटा, भागतुरी, गोठ, उमर, मंगललेख के चालरा, सल्यानी, बिजौरा, बोरा बगड़, कुशकुरा, जुगरा, वारसी के सिमलगड़, करैलगड़, धरसों के खालीधार, परेवा के चनकोरा, आमलिंग, बेरूथ, कालशन, किरौदा, मूल परेवा, चौड़ापिता के कनौटा, सुंदर नगर, चौड़ा मेहता के कनौटा, पिनाना के तलाड़ी, बालिया, पाटल, अगरकुली, मछियाड़ के जोशियाड़ा, सेला, चौड़ा, ककनई, खतोली, चौड़ा सिरोली, सिल्यूड़ी गूंठ, चौड़ा गूंठ आदि गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। इनमें रहने वाली आठ हजार से अधिक की आबादी रहती है।
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बाराकोट विकास खंड
सील, तल्ली सील, सुतेड़ा के अमरूवा सेरा, चांचड़ी के धुरा, काकड़ी, रौलबगड़, छुलापै के खाली व ध्यूड़ थूम की तीन हजार से अधिक की आबादी बिना बिजली के रह रही है।
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लोहाघाट विकास खंड
कोट के नई बस्ती, मौड़ा, डुमडई हरिजन बस्ती, तल्ली पुंडिल, मटियानी के खाली, बटौली, किमतोली के क्वैराली, कमलेड़ी के रौशाल मार्केट, कलचौड़ा के चमौला, नई बस्ती, कोटला के रौल समेत तीन दर्जन गांवों की चार हजार से अधिक की आबादी इस बार भी बिना बिजली के दीप पर्व मनाएगी।
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जिले में दो सौ से अधिक तोक विद्युतीकरण से वंचित हैं, जिनको राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से आच्छादित किया जाना है। मंत्रालय का काम खुद सीएम हरीश रावत के पास है, लिहाजा उन्होंने छूट गए सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। देहरादून की कंपनी द्वारा विद्युतीकरण के लिए सर्वे का काम शुरू किया जा रहा है। सर्वेक्षण के बाद टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। शीघ्र ही सभी तोकों व गांवों में विद्युत सुविधा पहुंचा दी जाएगी।
-एनएस खाती, ईई विद्युत विभाग चम्पावत