शिक्षिकाओं की कमी से प्रभावित हो रही पढ़ाई
चम्पावत : मुख्यालय के राजकीय बालिका इंटर में आहूत अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी में शिक्षिकाओं की कमी का मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा। इस समस्या को लेकर निर्णय लिया गया कि पहली अगस्त को जिलाधिकारी की चौखट में दस्तक दी जाएगी।
प्रधानाचार्या निधि सक्सेना की अध्यक्षता में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें प्रमुखता से शिक्षिकाओं की कमी का मुद्दा छाया रहा। अभिभावकों का कहना था कि इंटर में मुख्य रूप से विज्ञान विषय की प्रवक्ताओं का टोटा बना हुआ है। जिससे विद्यार्थी ट्यूशन आदि पर निर्भर हैं। मुख्यालय का विद्यालय होने के बावजूद भी शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा तो, ग्रामीण क्षेत्रों का हाल क्या होगा। बैठक में अनुशासन के साथ ही पठन-पाठन व पेयजल समस्या को लेकर भी चर्चा की गई। प्रधानाचार्या ने बताया कि बीते माह 16 जुलाई को भारी बरसात से तीन कक्ष क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिससे पठन-पाठन में थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन बेहतर पढ़ाई के प्रयास किए जा रहे हैं। कक्षों की मरम्मत आदि को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा जा चुका है।
विद्यालय में शिक्षिकाओं के रिक्त पदों को लेकर अभिभावकों ने निर्णय लिया कि पहली अगस्त को जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी व मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्या से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा।
जगेन्द्र अध्यक्ष, मीना बनी सचिव
चम्पावत : जीजीआईसी में अभिभावक संघ की पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी का गठन सर्वसम्मति से किया गया। जिसमें जगेन्द्र नाथ अध्यक्ष, प्रधानाचार्या उपाध्यक्ष, मीना वर्मा सचिव, मुन्नी बिष्ट उपमंत्री और देवीदत्त बिनवाल कोषाध्यक्ष बनाए गए। जबकि दिनेश नाथ गोस्वामी, देवकी नंदन पांडेय, ईश्वरी दत्त, नीरू उप्रेती, प्रमिला जोशी, संतोषी देवी अभिभावक सदस्य और रोजी नैयर, पुष्पा सामंत, भुवनेश्वरी फोनिया, लीला तिवारी, आशा पांडेय, आशा टम्टा, भागीरथी बिष्ट व विजेयता राना शिक्षिकाएं सदस्य चुनी गई।