चमू देवता के दर्शन को उमड़े हजारों भक्त
जासं, लोहाघाट : नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र का प्रसिद्ध चैतोला मेला गुरुवार को परंपरागत पस्यारा (मंगल गीत) के साथ संपन्न हो गया है। अंतिम दिन हजारों श्रद्धालुओं ने चमू देवता के दर्शन कर पुण्य कमाया। इस दफा पहली नवरात्रि से अंतिम दिन तक 25 हजार से अधिक लोगों ने चमू देवता के मंदिर में शीश झुकाकर मन्नतें मांगी।
सुबह से ही मंदिर में दर्शनों के लिए आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। ग्रामीण महिलाओं पुरूषों ने मंदिर परिसर में परंपरागत तरीके से चमू देवता की स्तुति में मंगल गीत गाए। क्षेत्रवासियों ने वीर गाथा पर आधारित ढुस्का गीतों से लोगों को चमू देवता के इतिहास की जानकारी दी। चमू देवता के मुख्य पुजारी लक्ष्मण सिंह, धामी जगत सिंह, लाटा के धामी जोगा ंिसह, भरंगड़ा देवता के धामी तारा सिंह ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। कमेटी अध्यक्ष नाथ सिंह धौनी, खीमराज सिंह धौनी पूर्व अध्यक्ष नर सिंह धौनी, संरक्षक शंकर सिंह अधिकारी, मदन कलौनी, केशर सिंह भंडारी, कुंवर सिंह प्रथोली, देव सिंह धौनी, हरीश चंद्र कलौनी, चंद्री चंद, हयात सिंह, तारा सिंह सामंत, हयात सिंह धौनी, रमेश कुमार, गुलाब राम, राम सिंह धौनी, गुमान सिंह प्रथोली आदि ने मेले की व्यवस्था में सहयोग के लिए प्रशासन एवं स्थानीय जनता का आभार जताया। क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध व बड़े मेले के शांतिपूर्वक संपन्न होने पर मेला कमेटी व प्रशासन ने राहत की सांस ली। सुरक्षा के लिए एक कंपनी पीएसी व पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। मेले के अंतिम दिन लोगों ने मेला परिसर में लगी दुकानों से जमकर खरीदारी की। यहां लोहाघाट, पिथौरागढ़, चम्पावत, टनकपुर आदि स्थानों से व्यापारी पहुंचे हुए थे।