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चेहरे पर अंजानी मुस्कुराहट और जान हथेली पर रखकर बरसाती नाला पार कर रहे ग्रामीण

चमोली के गोपेश्व में आज भी कर्इ गांवों के लोग जान हथेली पर रखकर बरसाती नाला पार करने को मजबूर है। मोलागाड़ गदेरा भी अपने उफान पर है, जो कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकता है।

By BhanuEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 08:37 PM (IST)
चेहरे पर अंजानी मुस्कुराहट और जान हथेली पर रखकर बरसाती नाला पार कर रहे ग्रामीण

गोपेश्वर, [जेएनएन]: आपदा को चार साल गुजर गए हैं, पर आपदा राहत कार्य अभी भी धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। विकासखंड घाट के गंडासू और बनाला के बीच मोलागाड़ में पुल निर्माण न होने से लोग आज भी जान हथेली में रखकर गदेरे को पार कर रहे हैं। बरसात के दिनों में इन लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है। पिछले दिनों इस गदेरे में दो लोग बह चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग अब भी लोगों की मुश्किलें कम करने के प्रति सजग नहीं दिख रहे हैं। 

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चमोली जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर विकासखंड घाट के बनाला और गंडासू गांवों के बीच बहने वाली मोलागाड़ बरसाती नाला इन दिनों पूरे उफान पर है। इस गदेरे के दोनों ओर लोग खेती करते हैं। आपको बता दें कि 2013 में आर्इ आपदा से मोलागाड़ में दो पैदल पुल बह गए थे। इन पुलों से गांवों को जाने वाले पैदल खच्चर मार्ग भी प्रभावित हुए। तब जिला पंचायत ने 34 लाख रुपये के आंगणन झूला पुल निर्माण के लिए बना कर जिला आपदा समिति में जमा किया था। तब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त गढ़वाल ने भी इन कार्यों को संस्तुति दी थी। 

लेकिन फिर जिला प्रशासन ने इस पुल पर धनराशि की कमी का अड़ंगा लगाकर स्वीकृति नहीं दी। स्थिति यह है कि गंडासू, मल्ला गंडासू, सुनीती, सेमा चाका मोठा, ल्वैंठा, आल्दयो, बनाला, नौना सहित अन्य गांवों के लगभग तीन हजार की जनसंख्या पुल न बनने से प्रभावित हो रही है। स्थिति यह है कि ग्रामीण प्रतिदिन आवाजाही के लिए गदेरे को पार कर रहे हैं। स्कूली बच्चों को थिरपाक इंटर कॉलेज में अध्ययन के लिए जाना पड़ता है, लेकिन नाला उफान पर होने के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। 

हो चुकी है दुर्घटना

साल 2015 में मोलागाड़ को पार कर स्कूल जाते हुए सात बच्चे बह गए थे। इनमें से लोगों ने छह बच्चों को तो बचा लिया, लेकिन एक बालिका की बहकर मौत हो गई थी। इस साल  नौ अगस्त को भी गदेरा पार कर बाजार जा रहे ग्रामीण नदी के तेज बहाव में बह गया था।

शासन-प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

गंडासू घाट के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य हरि प्रसाद पुरोहित का कहना है कि पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों की ओर से मांग की जा रही है। लेकिन प्रशासन और सरकार इस ज्वलंत समस्या से मुंह फेरे हुए हैं। दुर्घटनाओं के बाद भी प्रशासन नहीं जाग रहा है। नौनिहाल स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिनसे उनका भविष्य भी बर्बाद हो रहा है।  

वहीं चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी की माने तो गंडासू में पुल निर्माण का प्रयास राज्य वित्त या अन्य मदों से किया जाएगा। मामले में संबधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।

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