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शिक्षकों के लिए भूख हड़ताल करेंगे अभिभावक

जोध सिंह रावत, गैरसैंण: राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था का हाल देखना हो तो चमोली जिले क

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jul 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jul 2017 03:00 AM (IST)
शिक्षकों के लिए भूख हड़ताल करेंगे अभिभावक
शिक्षकों के लिए भूख हड़ताल करेंगे अभिभावक

जोध सिंह रावत, गैरसैंण:

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राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था का हाल देखना हो तो चमोली जिले के गैरसैंण ब्लाक के सुदूरवर्ती सिलपाटा क्षेत्र में चले आइये। अक्टूबर 2014 में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलपाटा के इंटर स्तर पर उच्चीकरण से जगी अभिभावकों की अपने नौनिहालों के सुखद भविष्य की उम्मीद पर सरकार ने ही पलीता लगाने में कसर नहीं छोड़ी है। इंटर कॉलेज बनने के बाद यहां शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई। हाल ये है कि 135 विद्यार्थियों की पढ़ाई का जिम्मा महज तीन शिक्षकों पर छोड़ दिया गया। सूरतेहाल, अभिभावक अपने पाल्यों को अन्यत्र भेजने को मजबूर हो रहे हैं। इसका असर बालिका शिक्षा पर भी पड़ रहा है। वजह ये कि दूसरे विद्यालय नौ से 35 किमी दूर हैं। सरकार से लेकर शासन-प्रशासन के नुमाइंदों की चौखट पर दस्तक देने के बावजूद शिक्षकों की तैनाती की मांग पर सुनवाई नहीं हुई तो क्षेत्रवासियों ने महापंचायत बुलाकर अब सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। तय हुआ कि सरकार को हफ्तेभर का वक्त दिया जाय और इस अवधि में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई तो 31 जुलाई से जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भूख हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

पहले नजर डालते हैं अतिदुर्गम श्रेणी में आने वाले सिलपाटा क्षेत्र पर। यहां के अधिकांश गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम हैं। अन्य सुविधाएं तो दूर की कौड़ी हैं। प्यूरां, पजियाणा, लंगटाई, डोल्टू, छिमटा, सिराणा सहित एक दर्जन गांवों की ढाई हजार से अधिक की आबादी वाले इस क्षेत्र के नौनिहालों की शिक्षा के लिए एकमात्र राजकीय इंटर कॉलेज सिलपाटा में है। लंबे इंतजार के बाद यह सुविधा भी तब मिली जब नौ अक्टूबर 2014 को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलपाटा का इंटर स्तर पर उच्चीकरण हुआ।

इससे क्षेत्रवासियों को उम्मीद जगी कि अब इंटर की पढ़ाई के लिए नौनिहालों को अन्यत्र भेजने से निजात मिलेगी। वैसे भी सभी अभिभावकों के लिए यह संभव नहीं हो पाता। अभिभावकों की उम्मीदों पर तब तुषारापात हुआ, जब कॉलेज में शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई। क्षेत्रवासियों के लगातार आग्रह के बावजूद उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज साबित हुई। रविवार को सिलपाटा के प्रधान संतराम की अगुआई में हुई महापंचायत में इस मसले को लेकर आरपार की लड़ाई का निर्णय लिया गया। बैठक में पीटीए अध्यक्ष सुशीला देवी, ग्राम प्रधान बिंदीराम, सिलपाटा विकास समिति के अध्यक्ष पद्म सिंह, राजेंद्र प्रसाद, शिव सिंह, संजय सती, अवतार सिंह, भवानी सिंह, केदार दत्त सती, पान सिंह, नंदन सिंह व गोकुल सिंह आदि मौजूद थे।

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यह है सूरतेहाल

16 शिक्षकों के कुल पद हैं इस कॉलेज में सृजित

09 इंटर में सृजित शिक्षकों के नौ पदों में से किसी पर भी तैनाती नहीं

07 एलटी पदों के सापेक्ष केवल तीन की ही नियुक्ति

02 लिपिक व दफ्तरी के पद भी रिक्त

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क्षेत्र से अन्य कॉलेजों की दूरी

इंटर कॉलेज, दूरी (किमी में)

आदिबदरी, 09

देवलकोट, 25

गैरसैंण, 35

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बालिका शिक्षा पर भी असर

इंटर कॉलेज सिलपाटा में शिक्षकों की नियुक्ति न होने से इसका असर बालिका शिक्षा पर भी पड़ रहा है। वजह ये कि अन्य विद्यालय काफी दूर हैं और इन तक पहुंचने के लिए रास्ते जंगल से होकर गुजरते हैं। ऐसे में अभिभावक बालिकाओं को वहां भेजने से कतरा रहे हैं। कॉलेज में 11 वीं में पढ़ रही दीपा के पिता रघुवीर लाल कहते हैं कि जब कॉलेज में शिक्षक ही नहीं तो बच्चों को भेजने का कोई औचित्य नहीं है। लिहाजा, बालिका शिक्षा बंद करना मजबूरी हो गया है।

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घट रही छात्र संख्या

इंटर कॉलेज में इंटर में छात्र संख्या भी लगातार घट रही है। गत वर्ष इंटर कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या 43 थी, जो इस बार घटकर 33 पर आ गई है। अभिभावक गिरधारी लाल और त्रिलोक सिंह कहते हैं कि कॉलेज में शिक्षक हैं नहीं, सो बेहतर भविष्य के लिए बच्चों को अन्यत्र भेजना विवशता है।

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'कॉलेज की स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षकों की तैनाती हो जाएगी। व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।'-शंकर राम आर्य, खंड शिक्षा अधिकारी, गैरसैंण


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