कनोल पहुंची लाता, दशोली व दशमद्वार की नंदा डोलियां
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: दशोली, दशमद्वार, हिंडोली व लाता की नंदा देवी डोलियां घाट विकासखंड के सुदूरवर्ती गांव कनोल पहुंच चुकी हैं। इन डोलियों के साथ ही 150 से अधिक छंतोलियों के भी कनोल पहुंचने पर ग्रामीणों ने पूजा अर्चना की। ये डोलियां व छंतोलियां 29 अगस्त को कनोल से वाण के लिए रवाना होंगी। वाण में अन्य डोलियों व छंतोलियों के साथ ये डोलिया व छंतोलियां राजजात यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगी।
गुरुवार को रामणी सितेल कनोल पैदल मार्ग पर मां नंदा के जयकारे सुबह से ही गूंजने लगे थे। सितेल व आसपास के अन्य राजस्व गांवों में ठहरे यात्री दशोली, दशमद्वार व लाता की नंदा देवी डोलियों के साथ अलग अलग समय पर कनोल गांव पहुंचे। यहां पर ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक वेषभूषा में जागरों के माध्यम से मां नंदा की डोलियों व छंतोलियों का स्वागत किया। कनोल गांव के पंचायती चौक में पहुंचने पर गांव के लाटू व भूम्याल देवता ने सभी देवी देवताओं का स्वागत किया। यहां पंचायत चौक में कटार भेद का आयोजन भी हुआ। बंड भूम्याल व अन्य क्षेत्र से आए देवी देवताओं ने अपने-अपने पश्वा पर अवतरित होने के बाद अपना-अपना परिचय दिया। कनोल गांव की महिलाओं ने जागरों व पारंपरिक लोकगीत गाकर पूरे क्षेत्र को नंदामय कर दिया था। यात्रियों के कनोल पहुंचने पर ग्रामीणों की ओर से गांव में चंदा एकत्रित कर भंडारे का आयोजन किया गया। यात्रियों को ठहरने के लिए प्रत्येक परिवार से कमरे खाली कर दिए गए थे। यात्रियों की संख्या अधिक होने के चलते मकान की छतों पर भी ग्रामीणों ने टेंट लगाकर यात्रियों को ठहराया।